समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 10फरवरी। भोपाल से भाजपा सांसद उमा भारती अपनी वाक शैली को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती हैं. हाल में ही शराब नीति को लेकर अपनी सरकार और शिवराज को वो खुला चैलेंज दी थी. शराब नीति को लेकर वो हर दिन अपनी ही पार्टी पर बयान बाजी करती रहती हैं. इसी सिलसिले को बरकार रखते हुए उन्होने फिर से एक बार अपने सांसदों और विधायकों को शराब की खुली दुकानों को लेकर घेरा है. और कहा कि, ‘क्या सांसदो और विधायकों को राम की जय बोलने का अधिकार’ है. इससे ये जाहिर हो गया है कि न केवल शराबनीति बल्कि हिंदुत्व के मुद्दों के जरिए उमा लोगों को साधने की कोशिश कर रही हैं. क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं.
खुल गया शराब की दुकानों का रहस्य
उमा भारती शराब कि दुकानों को लेकर हमेशा ही अपनी पार्टी पर निशाना साधती रही हैं. फिर से उन्होने लिखा कि ओरछा की शराब की दुकान न हट पाने का रहस्य खुल गया है. हमारी सरकार ने जब बंद करने का नोटिस दिया तो तीन बातें गलत तरीके से प्रस्तुत की गई. यह तर्क दिया गया कि यह ओरछा के रामराजा सरकार के मंदिर से 1 किलोमीटर से ज्यादा दूर है. यह नहीं लिखा गया कि यह रामराजा सरकार के मंदिर के प्रवेश द्वार के मुहाने पर है और रोड के मध्य से सिर्फ 17 फीट की दूरी है. यह नहीं बताया गया कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यटक वहीं से प्रवेश करते हैं.
शर्मिंदगी का सामना करती है पार्टी
आगे उमा ने लिखा कि रात को सात बजे के बाद शराबी लोग बीच सड़क पर ही झूमते खड़े हो जाते हैं. गाली गलौज करतें हैं, इससे दुर्घटनाएं हो जाती हैं, पर्यटकों को असुविधा और भाजपा को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है. यह दुकान इसके पहले अंदर की तरफ डेढ़ किलोमीटर दूर थी, कमाई कम होती थी, ठेकेदार को लाभ दिलाने के लिए जिला आबकारी विभाग ने यह दुकान यहां खुलवाई, इस दुकान के खुलने का विरोध सभी ओरछा के नागरिक, मीडिया, विद्यार्थी परिषद, बजरंग दल सभी ने किया इसके बावजूद दुकानें खुली रही.
सरकार कैसी हुई शक्तिहीन
सरकार के पास सबसे बड़ी शक्ति होती है हमारी सरकार ऐसी शराब की दुकानों के सामने कैसे शक्तिहीन हो गई यह खोज का विषय है. मेरी जानकारी में शिवराज को इस संपूर्ण विषय की समग्रता से जानकारी नहीं है. मैं शिवराज जी को जानती हूं उनकी जानकारी में होता तो यह दुकान कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के आधार पर कभी भी बंद कर सकते थे. इसके अलावा उन्होने कहा कि इतनी जानकारी इकट्ठी करने के बाद मैं यहां के सांसद एवं विधायक को शत-प्रतिशत इसके लिए दोषी मानती हूं. वह दोनों हमारे मुख्यमंत्री को सत्य से अवगत ही नहीं करा पाए. अब मैं इन दोनों से बात करूंगी, क्या इन्हें राम का नाम लेने एवं रामराजा सरकार की जय बोलने का अधिकार है?