गुस्ताखी माफ़ हरियाणा

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गुस्ताखी माफ़ हरियाणा
पवन कुमार बंसल
मोदी तुझ से बैर नहीं -खट्टर तेरी खैर नहीं।
अगले वर्ष लोकसभा और फिर हरियाणा असेंबली के चुनाव होने है। फील्ड से जो फीडबैक मिल रहा है उसके मुताबिक लोकसभा चुनाव में एक बार फिर मोदी का जादू चलने जा रहा है। देश भक्ति और धर्म की अफीम अपना रंग दिखाएगी। हालाँकि सोनीपत,रोहतक,करनाल और भिवानी – मोहिन्दरगढ़ के भाजपा सांसदों के कामकाज से लोग कोई ज्यादा खुश नहीं है। लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जायेगा और राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख पार्टी कांग्रेस का हरियाणा में असर नहीं बन पा रहा।

अब चर्चा असेंबली चुनाव की।
असेंबली चुनाव बार मिल रहा फीडबैक खट्टर और भाजपा को लिए कोई शुभ संकेत नहीं है। खट्टर को लोग ‘शरीफ ‘ तो कहते है लेकिन साथ-साथ कहते है की प्रभावशाली नहीं है। अफसर हावी है। ग्रामीण इलाकों में लाल डोरा खत्म करने के फैसले को शक की नजर से देखा जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी छेत्र के ग्रामीण इसके पीछे बिल्डर लॉबी का हाथ देखते है। नगर निगमों में आये गाँव में हाउस टैक्स लगाया जा रहा है। गुरुग्राम में मोहम्दपुर गांव के सरपंच नथू सिंह जिन्होंने भूपिंदर हूडा की सकरार के दौरान उनके गावों की जमींन सरकार द्वारा हथिया कर पुलिस के डंडे के जोर पर रिलायंस के अम्बानी को विशेष आर्थिक जॉन यानि एस ई ज़ेड बनाने के लिए देने के खिलाफ आंदोलन चलाया था ने ‘गुस्ताखी माफ़ हरियाणा ‘ को बताया की गुरुग्राम नगर निगम ने गांव में लोगो को कई – कई लाख के हाउस टैक्स के नोटिस थमा दिए है।
प्रॉपर्टी आई डी को लेकर और तहसीलों में फैले करप्शन को लेकर लोग बहुत परेशान है। लोगों का मानना है की खट्टर का आम जनता से कोई सम्पर्क नहीं।

लोग सरकारी कामकाज में संघ के अनावश्यक हस्तक्षेप से भी परेशान है। असेंबली चुनाव की चर्चा करते ही लोग कहते है की यहाँ भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला है।ओल्ड रोहतक जिसमे सोनीपत और झज्जर जिले आते है और नजदीकी जींद जिले के जाटों में तो भूपिंदर हूडा का प्रभाव है लेकिन अहीरवाल के किसान उनकी भूमि अधिग्रहण नीति जिसके तहत किसानों की जमीन बिल्डरों के हवाले की गई को लेकर उनसे अभी तक खफा है।

भूपिंदर हूडा के बेटे दीपेंद्र हूडा का इस बार रोहतक से लोकसभा चुनाव हारने के पीछे अहीरवाल का सालावास असेंबली हल्का ही जिम्मेदार है।
हूडा को रोहतक से बाहर निकल कर अहीरवाल के लोगों का दिल जीतना होगा। यहाँ उनके जो समर्थक है वो ज्यादतर प्रोपेर्टी डीलर है और उन्होंने हूडा के शाशन में काफी नोट छापे है।

पिछले चुनाव में पहचत्तर पार का जुमला उछाल कर भी भाजपा अली बाबा चालीस चोर वाले आंकड़े पर आ गई थी। तमाम आपसी गुटबाजी के बावजूद भी कोंग्रस इकतीस सीट जित गयी थी। तब से लेकर अब तक बहुत पानी बह चूका है। खटर एक निकम्मे और अप्रभावशाली शाशक के नाम से जाने लगे लगे है., लोगो का कहना है की वो संघ , शाह और मोदी को फिट रखते है बाकि जाये भाड़ में।

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