गुस्ताखी माफ़ हरियाणा

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गुस्ताखी माफ़ हरियाणा
पवन कुमार बंसल
में साइन कोन्या करदा – चार साल में कोई साइन नहीं किया।
हूडा बहुत साइन करता था -जेल में जाएगा-मनोहर लाल।
याद आया जब ओमप्रकाश चौटाला को एक बुजर्ग ने कहा देख क्या रहा है – ठूँग तो मारनी है – मार दे -और चौटाला ने बिना पढ़े ठूँग मार दी।
फेस बुक ने कुछ दिनों की सजा के बाद मुझे रिहा कर दिया है। यानि मेरी सजा खतम या उन्होंने मुझे अभी पेरोल दी है -यह तो राम जाने। खैर
पैरोल के अवधि का फायदा उठाते हुए फेसबुक खोली तो चार साल पुराना किस्सा आया जब मनोहर लाल ने एक बुजर्गे की दरखास्त पर यह कहकर दकसत करने से साफ़ मना कर दिया था की चीफ मिनिस्टर साइन नहीं करते। मेने चार साल में कोई साइन नहीं किये और भपिन्द्र हूडा करता था और वो जेल में जाएगा। हूडा जेल में जायेगा या नहीं इसका फैसला तो अदालत करेगी मनोहर लाल नहीं। वैसे ‘गुस्ताखी माफ़ हरियाणा ‘की सूचना के मुताबिक चालाक अफसरशाही ने मनोहर लाल के मनोहर ऑटोग्राफ कई फाइल्स पर ले रखे है और कभी उनकी निष्पक्ष जाँच हुई तो मनोहर जबरदस्त मुसीबत में फंस सकते है।
अब चर्चा ओमप्रकाश चौटाला की।
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– बाइस साल पहले चीफ मिनिस्टर थे और रोहतक में सोनीपत रोड पर पार्टी के दफ्तर में बैठे थे। वे मनोहर की तरह गेस्ट हाउस में कम समय बिताते थे। यह लेखक भी वही बैठा था की इसी बीच मेहम चौबीसी से एक पगड़ीधारी बुजर्ग ने उन्हें कोई दरखास्त थमा उसपर दकसत करने को कहा। चूकि एक वक्त में मेहम ने चौटाला को काफी जख्म दिए थे सो वो मेहम के लोगो और खासतौर पर बुजर्गो की बहुत इज्जत करते थे।
चौटाला नजर का चश्मा लगा उस कागच को पढ़ने लगे तो बुजर्ग को गुस्सा आ गया। ठेठ हरियाणवी में बोला ‘देख के रहा है – ठूँग ही तो मारनी है -मार दे।
हरियाणवी में ठूँग मारने का मतलब होता है दकसत करना। और चौटाला ने बिना पढ़े ठूँग मार दी यानि दकसत कर दिए।

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