अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए कमेटी गठन के लिये राजी हुआ केंद्र, सुप्रीम कोर्ट को सौंपे जाएंगे नाम
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 फरवरी। अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। यह सुनवाई CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने की। सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा। उन्होंने SC से कहा कि अगर इस मामले में कोर्ट जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित करना चाहता है तो हमें (सरकार) कोई आपत्ति नहीं है, यानी अडानी ग्रुप की कंपनियों पर हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के कहने पर सरकार भी जांच के लिए विशेषज्ञ कमेटी के गठन को राजी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से शुक्रवार (17 फरवरी 2023) को फिर आने और समिति बनाने के बारे में जानकारी देने को कहा है। केंद्र ने कहा कि वह नियामक तंत्र पर प्रस्तावित पैनल के लिए डोमेन विशेषज्ञों के नाम सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को देना चाहता है।
पिछली सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सेबी से 13 फरवरी तक जवाब मांगा था। उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से कहा था कि वह अदालत को यह बताए कि भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए और सुप्रीम कोर्ट को दिखाए कि मौजूदा संरचना क्या है? कोर्ट ने कहा था कि वह यह भी जानना चाहती है कि नियामक ढांचे को कैसे मजबूत किया जा सकता है?