गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
जब बंसीलाल की बेटी सरोज को मसूरी में पर्यटन महकमे के काम्प्लेक्स में कमरा लेने में दिक्क्त हुई।
किस्सा करीब पचीस साल पुराना है। बंसीलाल हरियाणा के चीफ मिनिस्टर थे और उनकी बेटी सरोज सिवाच पंचकूला की डिप्टी कमिश्नर थी।
सरोज को परिवार सहित मसूरी जाना था सो उसने टूरिज्म महकमे के बॉस जनाब ढिलो साहिब को कहा। अब जब सरोज परिवार सहित वहा पहुंची तो पाया कि सारे कमरे बुक थे। असल में हुआ यह की ढिल्लो साहिब , वहा के इंचार्ज को संदेश देना भूल गए और सारे कमरे दिल्ली के किसी इंडस्ट्रियलिस्ट ने बुक कर रखे थे।
अब वहा के इंचार्ज चंद्रभान के सामने समस्या हो गई। एक तरफ तो दिल्ली का इंडस्ट्रियलिस्ट और उसने अग्रिम भुगतान देकर बुकिंग करवा रखी थी। दूसरी तरफ चीफ मिनिस्टर की बेटी। इंडस्ट्रियलिस्ट से कमरे खाली भी नहीं करवाए जा सकते थे और उधर मैडम को भी देने जरूरी थे। बीच का रास्ता निकाला और इंडस्ट्रियलिस्ट को अपनी नौकरी का हवाला देकर उसे एक निजी होटल में शिफ्ट किया और उसका बिल भी खुद भरा।