गुस्ताखी माफ़ हरियाणा
पवन कुमार बंसल
बुआ जाऊ -जाऊ करे थी फूफा लेन आ गया – राजेश खुल्लर की घर वापिसी।
गर्मी आ रही है – मनोहर को कूलर की जरूरत थी।
कल मनोहर लाल ने गुड गवर्नेंस के लिए दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए। एक तो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग महकमे के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अपने नवरत्न जनाब अरुण गुप्ता को रियल एस्टेट रेगुलटोरी अथॉरिटी पंचकूला और गुरुग्राम के चेयरमैन का चार्ज दे दिया। दूसरे में मनोहर लाल के अनुरोध पर राजेश खुल्लर को वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी अधिकारी पद से वापिस अपने मूल राज्य हरियाणा में भेज दिया गया है। खुल्लर की वापिसी को लेकर तो पिछले कुछ समय से सट्टा लगाया जा रहा था की वे आएंगे या नहीं। दोनों फैसलो के आने वाले दिनों में नतीजे दिखने शुरू हो जायेंगे।
वैसे दोनों ही फैसलों को लेकर गुरग्राम में खास ख़ुशी मनाई जा रही है। गुप्ता की नियुक्ति से तो बिल्डर लॉबी बहुत खुश है । खुल्लर के आने से भी गुरुग्राम में कई लोग काफी खुश है। गुरुग्राम से खुल्लर साहिब का तब का नाता है जब गुरुग्राम , गुडगाँव होता था। आई एम गुरुग्राम उनका ब्रेन चाइल्ड है जो अब तो बढ़कर जवान हो गया है। विजिलेंस जाँच की आंच महशुस कर रहे कुछ लोग भी खुश है की अब खुल्लर साहिब उनके साथ कोई जोर -जबरदस्ती नहीं होने देंगे।
दोनों फैसलो को आने वाले लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। यह मान कर चलो के लम्बे समय तक अरुण गुप्ता के पास अस्थ्याई चार्ज रहेगा और नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में रख दिया जायेगा। वैसे मनोहर पर जिसकी मनोहर कृपा हो जाती है उसे मनोहर पूरा प्रसाद देते है। अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी का मामला ही देखिये। बस मनोहर के तीसरे नेत्र ने उनमे यानि बालाजी में छुपी हुए काबिलियत को तलाश लिया। आखिर हीरे की तलाश तो जौहरी ही करेगा। उनका काडर पंजाब तय हो चुका है। अपने भगवंत मान कई बार मनोहर से गुहार कर चुके है की ऐसे काबिल हीरे को जो उनकी अमानत है उसे बाइज्जत वापिस किया जाये। लेकिन मनोहर उन्हें छोड़ने के लिए त्यार नहीं है। सो भगवंत का मान – मनोव्वल कर चुके है की भाई बदले में कुछ भी ले लो लेकिन बालाजी को न मांगो। मान को कह दिया की बालाजी शहरी विकास प्राधिकरण के कामकाज में सुधार कर रहे है। बालाजी के समर्थन में तर्क दे रहे है की उन्होंने प्राधिकरण को घाटे और कर्ज से बचा लिया है। सारी संपत्ति बेच कर और वो भी पूरा दाम वसूले बिना। खैर जब अमित शाह और नरेंद्र मोदी मनोहर की तारीफ में कसीदे पढ़ चुके है तो अपनी क्या औकात ?
अरुण गुप्ता और राजेश खुल्लर की सुनामी के झटको की इंतजार करो।
