दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र की अग्निपथ योजना के विरूद्ध याचिकाओं को खारिज किया ,वैधता को रखा बरकरार

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 फरवरी।दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय ने अग्नि पथ सैन्‍य भर्ती योजना की वैधता बहाल रखी है। इस भर्ती योजना के विरूद्ध याचिकाओं को खारिज करते हुए न्‍यायालय ने कहा कि इसे राष्‍ट्र हित में और यह सुनिश्‍चित करने के लिए तैयार किया गया है कि सशस्‍त्र बलों को सुदृढ किया जाए। दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्‍यायमूर्ति सुब्रहमण्‍यम की खंडपीठ ने यह निर्णय दिया कि इस योजना में दखल देने का कोई कारण नहीं है। सुनवाई के दौरान अतिरिक्‍त महाधिवक्‍ता ऐश्‍वर्य भाटी केन्‍द्र सरकार की ओर से पेश हुई। उन्‍होंने बताया कि दस लाख से अधिक अ‍भ्‍यर्थियों को आयु सीमा में छूट का लाभ दिया गया है। सैन्‍यकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में अग्निपथ योजना से बडा बदलाव आया है। केन्‍द्रीय कैबिनेट ने पिछले वर्ष 14 जून को सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ नाम की नई योजना की घोषणा की थी। इसके अंतर्गत युवकों को सशस्‍त्र सेना के तीनों अंगों में सेवा का अवसर दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत चुने गए युवक अग्निवीर कहलाएंगे। अग्निपथ के जरिए देशभक्ति के लिए प्रेरित युवकों को सशस्‍त्र सेवाओं में चार वर्ष तक काम करने का अवसर मिलेगा।

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