दारु मंत्री मनीष सिसोदिया दारु घोटाले के आरोप में गिरफ्तार
दारु मंत्री का गुनाह का साथी ही बन गया सरकारी गवाह. जेल मंत्री के बाद दारु मंत्री की जेल यात्रा.
इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली सरकार के जेल मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं अब दारु मंत्री मनीष सिसोदिया की भी जेल यात्रा की शुरुआत हो गई है.
सीबीआई ने दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री एवं शराब मंत्री मनीष सिसोदिया को शराब नीति बनाने और लागू करने में गड़बड़ी/ घोटाले/अनियमितताओं से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया है।
करोड़ों का भ्रष्टाचार-
नई शराब नीति लागू करने में करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप है. दिल्ली में शराब का कारोबार पूरी तरह निजी हाथों में सौंप दिया गया था.
प्रॉफ़िट डबल-
नई शराब नीति में शराब कारोबारियों का मोटा मुनाफा कमाने का मौका दिया गया. शराब कारोबारियों का लाभ अंतर (प्राफिट मार्जिन) पुरानी नीति के अनुसार तय 6 फीसदी से बढ़ा कर 12 फीसदी कर दिया गया था.
सीबीआई द्वारा इस सिलसिले में मामला दर्ज किए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया था. दिल्ली सरकार ने पहले की तरह से दोबारा शराब की बिक्री अपने हाथों में ले ली.
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में गड़बड़ी के बारे में जुलाई 2022 में उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक रिपोर्ट दी थी. उप राज्यपाल ने इस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिफारिश की .
सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को शराब नीति में घोटाला/ अनियमितताओं के संबंध में एक मामला दर्ज किया.
14 आरोपी
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि वर्ष 2021-22 हेतु आबकारी नीति को तैयार करने एवं लागू करने में कथित अनियमितताओं और निजी व्यक्तियों को निविदा (टेंडर) के बाद के लाभ में विस्तार (Extending benefits) देने के मामले की जारी जांच के लिए दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं प्रभारी आबकारी मंत्री एवं 14 अन्य के विरुद्ध वर्तमान मामला दर्ज किया गया।
मुंबई की एक निजी कंपनी के तत्कालीन सीईओ और 6 अन्य आरोपियों के ख़िलाफ़ 25.11.2022 को एक आरोप पत्र दायर किया गया था. इस मामलें में आगे की जांच की जा रही है।
दारु मंत्री की भूमिका-
सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया से पिछले साल 17 अक्टूबर को भी पूछताछ की गई थी.
सीबीआई ने पिछले साल अगस्त में मनीष सिसोदिया के घर, दफ़्तर और गांव में भी छापे मारी की थी. बैंक लाकर की भी तलाशी ली गई थी.
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को 19.02.2023 को जांच में शामिल होने के लिए सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया था.
मनीष सिसोदिया ने बजट बनाने में व्यस्तता का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा.
मनीष सिसोदिया के अनुरोध को स्वीकार करते हुए, उन्हें आज (26.02.2023 को) जांच में भाग लेने के लिए सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत एक नोटिस जारी किया गया था.
मनीष सिसोदिया आज सुबह सीबीआई मुख्यालय पहुंचे.
मंत्री ने की टालमटोल-
सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि आज मनीष से 17.10.2022 को हुई पूछताछ के दौरान उनके द्वारा टाले गए सवालों के जवाब मांगे गए. इसके अलावा जांच के दौरान एकत्र सबूतों को सामने रखकर उसके आधार पर मनीष सिसोदिया से उनकी आपराधिक भूमिका से संबंधित पूछताछ करनी थी, लेकिन मनीष सिसोदिया ने टालमटोल भरे जवाब दिए.
सबूतों के सामने होने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं करने के कारण मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है.
मनीष सिसोदिया को सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा .
गुनाह का साथी बना सरकारी गवाह-
इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल सितंबर में सबसे पहले विजय नायर को गिरफ्तार किया था, जो कि आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग का प्रमुख है.
इस मामले में गिरफ्तार किया गया दिनेश अरोड़ा बाद में वादा माफ़ सरकारी गवाह (अप्रूवर) बन गया था. शराब घोटाले में दिनेश अरोड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका है. दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों से करीब सौ करोड़ रुपए हवाला के माध्यम से दिनेश अरोड़ा ने आम आदमी पार्टी को दिए थे. दिनेश अरोड़ा विजय नायर का भी करीबी है.
नियम कायदे ताक पर-
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिव सी अरविंद ने सीबीआई को बयान दिया कि शराब नीति बनाने में तय नियम कायदे का पालन नहीं किया गया और न ही मंजूरी ली गई. शराब नीति बनाने वाले मंत्रियों के समूह में मनीष सिसोदिया के अलावा सत्येंद्र जैन और मंत्री कैलाश गहलोत शामिल थे. नीति बनाने के लिए जरूरी चर्चा के किए बिना ही सचिव को नीति का मसौदा कैबिनेट में पेश करने के लिए दे दिया गया. अरविंद ने बताया कि मार्च 2021 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर मंत्री सत्येंद्र जैन की मौजूदगी में मनीष सिसोदिया ने नीति का मसौदा उन्हें दिया था.
शराब कमिश्नर-
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया, शराब कारोबारियों आदि के अलावा इस मामले में आबकारी विभाग के तत्कालीन कमिश्नर आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर आनंद तिवारी और असिस्टेंट कमिश्नर पंकज भटनागर को भी आरोपी बनाया है.
100 फोन-
सीबीआई ने जांच में पाया है कि शराब नीति बनाने के दौरान मनीष सिसोदिया ने विभिन्न नाम से खरीदे चार फोन नंबर इस्तेमाल किए थे.
इन फोन में मौजूद डिजिटल एविडेंस को नष्ट कर दिया गया. एक साल की अवधि में लगभग 100 फोन बदले या नष्ट किए गए. कुछ फोन बरामद हो गए लेकिन उनमें से ज्यादातर को फॉर्मेट या चैट डिलीट कर दी गई.