धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईटी मद्रास के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में विज्ञान स्नातक के चार वर्षीय पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7 मार्च।केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईटी मद्रास के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में चार वर्षीय ऑनलाइन बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) पाठ्यक्रम (https://study.iitm.ac.in/es/) का शुभारंभ किया। इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स और संबद्ध मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में कुशल स्नातकों की महत्वपूर्ण एवं बढ़ती मांग को पूरा करना है। इस पाठ्यक्रम में निकास की कई सुविधाएं भी शामिल हैं और छात्र फाउंडेशनल लेवल सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या बीएस डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। यह पाठ्यक्रम भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग और डिजाइन का एक वैश्विक केंद्र बनाने के भारत सेमीकंडक्टर मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप है। डेटा साइंस और एप्लिकेशन में बीएस डिग्री के बाद आईआईटी मद्रास का यह दूसरा ऑनलाइन बीएस प्रोग्राम है, जिसमें वर्तमान में 17,000 से अधिक छात्र अध्ययन कर रहे हैं
इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में बीएस पाठ्यक्रम का शुभारंभ भारत सरकार के उच्च शिक्षा सचिवश्री के. संजय मूर्ति(जो वर्चुअल रूप से शामिल हुए), आईआईटी मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. पवन के. गोयनका(वर्चुअल रूप से),आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि, आईआईटी मद्रास के बीएस इन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स के प्रोग्राम को ऑर्डिनेटर, उद्योग जगत की शीर्ष हस्तियों और अन्य संकाय सदस्यों की उपस्थिति में किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए,केन्द्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि आईआईटी मद्रास द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में बैचलर इन साइंस के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम की शुरुआत एक शानदार पहल है जो गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुंच को बढ़ाएगी और हमारी युवा शक्ति को 21वीं सदी के ज्ञान, कौशल और नौकरी के साथ कदम से कदम मिलाने हेतु व्यापक अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने गुणवत्ता, सामर्थ्य, इक्विटी, रोजगार, विविध स्तरों पर प्रवेश-निकास से संबंधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सभी सिफारिशों के अनुरूप इस पाठ्यक्रम के लिए आईआईटी मद्रास को बधाई दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकासित भारत’के सपने को साकार करने के लिए और भी संस्थान इस तरह के पाठ्यक्रम पेश करेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नवाचार और अनुसंधान के इस युग में जब हम डिजिटल विश्वविद्यालय जैसी पहल कर रहे हैं, तो नए युग का यह पाठ्यक्रम अंतिम छोर तक गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने के कार्य को प्रोत्साहित करेगा। आज शुभारंभ किए गए इस ऑनलाइन बीएस कोर्स के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री स्तरके पाठ्यक्रम के अलावा, उन्होंने आईआईटी मद्रास परिवार को उन सभी लोगों के लिए एक बेहद बुनियादी मॉड्यूल डिजाइन करने का भी सुझाव दिया, जो खुद को डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम के प्रासंगिक कौशल से लैस करने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को सिर्फ प्रौद्योगिकी का उपभोक्ता ही नहीं रहना चाहिए बल्कि अपनी श्रमशक्ति भी तैयार करनी चाहिए। आईआईटी मद्रास का यह ऑनलाइन पाठ्यक्रम हमारे मौजूदा श्रमशक्ति की दक्षता में सुधार और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप श्रमशक्ति तैयार करने के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करेगा।
आईआईटी शिक्षा को सभी के लिए और अधिक सुलभ बनाने के मिशन को पूरा करने हेतु, समावेशिता सुनिश्चित करते हुए बीएस इन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित शुल्क को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ दिव्यांगश्रेणी से संबंधित छात्रों और 5 लाख प्रति वर्ष रुपये से कम पारिवारिक आय वाले छात्रों को अतिरिक्त छात्रवृत्ति प्रदान करने के साथ किफायती रखा गया है।
इस पाठ्यक्रम में स्नातक करने वाले छात्र अन्य क्षेत्रों के अलावा ऑटोमोटिव, सेमीकंडक्टर और रक्षा जैसे उद्योगों में निम्नलिखित पदों के लिए नौकरी के अवसर पा सकते हैं:
. इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइनर
. एंबेडेड सिस्टम डेवलपर
. इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर स्पेशलिस्ट
. सिस्टम टेस्टिंग इंजीनियर
. इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च इंजीनियर
स्नातक होने वाले छात्र अपनी रुचि के क्षेत्र में उच्च शिक्षाभी प्राप्त कर सकते हैं।
इस अनूठे पाठ्यक्रम को विकसित करने के लिए आईआईटी मद्रास को बधाई देते हुए, आईआईटी मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. पवन के. गोयनका ने कहा, “यह बीएस प्रोग्राम पहली बार 2020 में घोषित किया गया था और डेटा विज्ञान में बीएस के साथ इसका शुभारंभ किया गया था। वर्तमान में 17,000 छात्रों के नामांकन के साथ यह एक बेहद ही सफल पाठ्यक्रम है। इस पाठ्यक्रम को अनूठा बनाने वाला पहलू यह है कि यह आईआईटी शिक्षा को बहुत व्यापक श्रेणी के लोगों के लिए सुलभ बनाता है जो अन्यथा इस प्रकार की शिक्षा हासिल करने हेतु आईआईटी में आने में समर्थ नहीं हो पाते। और, पाठ्यक्रम से बाहर निकलने के संदर्भ में भी यह बेहद लचीला है। किसी को चार साल तक बंधे नहीं रहना होगा। एक बार साइन अप करने के बाद, छात्र 1 साल, 2 साल या 4 साल बाद इस पाठ्यक्रम से बाहर निकल सकते हैं। जहां तक मेरी जानकारी है, पूरे भारत में यही एकमात्र पाठ्यक्रम है, जो छात्रों को इस प्रकार का लचीलापन और पहुंच प्रदान करता है। यह एक नया आदर्श स्थापित करता है कि कैसे उच्च शिक्षा को भारत में बड़े पैमाने पर संभावित छात्रों के लिए सुलभ बनाया जा सकता है और यह वास्तव में एक बेहद अच्छी परिकल्पना है। उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास द्वारा इस पहल को मंजूरी देकर बोर्ड ऑफ गवर्नर्स बेहद खुश है।
इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स प्रोग्राम में बीएस के अनूठे पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए, प्रो. वी. कामकोटि ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में इलेक्ट्रॉनिक्स के बढ़ते महत्व के साथ, उदाहरण के लिए, पारंपरिक यांत्रिक वाहनों की जगह मोबाइल फोन एवं इलेक्ट्रिक वाहनों सहित आवागमन के नएसाधन, उद्योग जगत की मांग को पूरा करने के लिए अनुसंधान एवं विकास और क्षमता निर्माण, दोनों के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स की बुनियादी शिक्षा महत्वपूर्ण हो जाती हैं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, आईआईटी मद्रास इस बीएस कोर्स का शुभारंभ कर रहा है, जिससे हमें उम्मीद है कि यह हमारे देश की जरूरतों और छात्रों की आकांक्षाओं को पूरा करने में मददगार साबित होगा।
इस तरह के पाठ्यक्रमों की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए आईआईटी मद्रास के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के फैकल्टी एवं आईआईटी मद्रास के बीएस इन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम प्रोग्राम के कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर बॉबी जॉर्ज ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में कुशल और जानकार श्रमशक्ति की काफी मांग है। इसे ध्यान में रखते हुए, इस डोमेन में उद्योग जगतकी शीर्ष हस्तियों के परामर्श से यह पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम के स्नातक रोजगार के बेहतर अवसर सुनिश्चित करने की दृष्टि से ठोस मौलिक ज्ञान और उद्योगकी जरूरतों के अनुरूप कौशल से लैस होंगे।
जो छात्र 2023 में बारहवीं कक्षा में हैं, वे आवेदन कर सकते हैं और प्रवेश सुरक्षित कर सकते हैं और बारहवीं कक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद इस पाठ्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। वर्तमान में किसी भी अन्य शैक्षणिक पाठ्यक्रम का अनुसरण करने वाले छात्र (जैसा कि वर्तमान यूजीसी नियमों के तहत अनुमति दी गई है) या कामकाजी पेशेवर भी इस क्षेत्र में आवेदन कर सकते हैं और खुद को उन्नत कौशल से लैस कर सकते हैं।
इसमें सिद्धांत और प्रयोगशाला पाठ्यक्रमों के मिश्रण का समावेश है जो आईआईटी मद्रास के फैकल्टी और संबंधित उद्योग के विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जाएगा। पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में, छात्रों को रिकॉर्ड किए गए वीडियो व्याख्यान, पठन सामग्री, साप्ताहिक मूल्यांकन, ट्यूटोरियल और संवादात्मकशंका-निवारणसत्रों की व्यवस्थाकी जाएगी, जो ऑनलाइन किए जा सकते हैं। प्रयोगशाला पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रत्येक सेमेस्टर में लगभग दो सप्ताह के लिए अनिवार्य रूप से आईआईटी मद्रास में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की जरूरत होगी।