डिब्रूगढ़ में जी20 आरआईआईजी सम्मेलन में एक स्थायी और चक्रीय जैव- अर्थव्यवस्था के निर्माण पर चर्चा की जाएगी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 मार्च।जी20 सदस्यों, अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि तथा वैज्ञानिक समुदाय के आमंत्रित प्रतिभागी 23-24 मार्च 2023 को डिब्रूगढ़, असम (भारत) में आयोजित होने वाले जी20 अनुसंधान एवं नवाचार पहल समूह (रिसर्च एंड इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग–आरआईआईज) सम्मेलन में एक स्थायी और चक्रीय जैव-अर्थव्यवस्था के निर्माण के तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के सचिव डॉ. एस चंद्रशेखर और जी20 आरआईआईजी अध्यक्ष इस सम्मेलन की कार्यवाही का नेतृत्व करेंगे। जी20 के इस अनुसंधान एवं नवाचार पहल समूह (रिसर्च एंड इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग–आरआईआईजी) सम्मेलन का समन्वयन जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाता है। सम्मेलन में लगभग 100 प्रतिनिधियों और आमंत्रितों के भाग लेने की संभावना है।

इस कार्यक्रम में प्रमुख प्रतिभागियों को एक साथ लाया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय प्राधिकरणों और जी20 सदस्यों के वे विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो इस विषय पर योजना बनाने, नई स्थापना करने और वर्तमान कार्यक्रमों के प्रबंधन के लिए उत्तरदायी होंगे। प्रमुख क्षेत्रों में कृषि में चुनौतियां और अवसर, उद्योगों का शून्य कार्बनीकरण (डी-कार्बोनाइजेशन) तथा जैव-ऊर्जा एवं जैव संसाधन प्रबंधन शामिल होंगे। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय कार्यक्रमों और देश के अनुभवों, नियामक वातावरण और सार्वजनिक/निजी क्षेत्र के सहयोग, नए, संसाधन- कुशल, टिकाऊ एवं अधिक चक्रीय जैव- आधारित प्रौद्योगिकियों, उत्पादों को बनाने में अनुसंधान, विकास और और सेवाएँ, और विशिष्ट विषयगत क्षेत्रों पर जी 20 सदस्यों के बीच सहयोग नवाचार की भूमिका पर भी विचार-विमर्श होगा।

यह परस्पर संवादात्मक कार्यक्रम 3पी (व्यक्तियों, नीतियों और स्थानों) सहित सभी प्रमुख हितधारकों के बीच सक्रिय जुड़ाव को बढ़ावा देगा और एक ऐसे समावेशी नीति-निर्माण दृष्टिकोण की ओर ले जाएगा, जो विभिन्न क्षेत्रों में मुख्यधारा के चक्रीय जैव-अर्थव्यवस्था मॉडल के लिए एक वैचारिक ढांचा प्रदान करेगा। साथ ही जी20 सदस्यों एवं हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी एक चक्रीय (सर्कुलर) जैव-अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में वैश्विक प्रयासों को मजबूत करेगी।

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