चैत्र नवरात्रि 2023 अष्टमी तिथि: आज है अष्टमी तिथि, इस शुभ मुहूर्त में करें मां महागौरी पूजा की , जानें पूजन विधि
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29 मार्च। नवरात्रि के सभी 9 दिन बेहद ही महत्वपूर्ण और खास होते हैं. सबसे खास होती है नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि. आज यानि 29 मार्च को अष्टमी तिथि का पूजन किया जा रहा है और यह दिन मां महागौरी को समर्पित है. अष्टमी तिथि की खासियत है कि इस दिन लोग कन्या पूजन के बाद व्रत का पारण करते हैं. अष्टमी व नवमी के दिन कन्या पूजन का काफी महत्व माना गया है. कहते हैं कि कन्याओं का पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं. आइए जानते हैं अष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.
पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार चैत्र माह की अष्टमी तिथि 28 मार्च 2023 को शाम 7 बजकर 2 मिनट पर शुरू हो गई है और इसका समापन 29 मार्च 2023 को रात 9 बजकर 7 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 29 मार्च को नवरात्रि की अष्टमी तिथि का व्रत रखा जाएगा और जो लोग अष्टमी का पूजन करते हैं वह 28 मार्च को सप्तमी के दिन व्रत रखेंगे. इसके बाद अष्टमी के दिन कन्या पूजन के बाद व्रत का पारण करेंगे.
नवरात्रि अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार अष्टमी तिथि के दिन शोभन और रवि योग बन रहे हैं. इन दोनों ही योगों को बेहद ही शुभ माना जाता है. पंचांग के मुताबिक शोभन योग 28 मार्च की रात 11 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगा और 29 मार्च को सुबह 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. वहीं 29 मार्च को रात 8 बजकर 7 मिनट से लेकर 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 14 मिनट तक रवि योग रहेगा.
अष्टमी तिथि की पूजन विधि
नवरात्रि की अष्टमी तिथि मां महागौरी को समर्पित है और इस दिन इनका पूजन किया जाता है. अगर आपके यहां अष्टमी पूजन किया जाता है तो सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद मंदिर में माता रानी का पूजन आरंभ करें. उनके साथ ही कलश और जौ का भी पूजन किया जाता है. पूजा के समय दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर अग्यारी जलाएं. इसके बाद मां दूर्गा की आरती करें. पूजन समाप्त होने के बाद माता रानी को भोग लगाएं और कन्याओं को भोजन कराएं. इस दिन कन्याओं को हलवा चने का प्रसाद अवश्य खिलाया जाता है. वहीं पूजा में रखे नारियल को भी प्रसाद के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद कन्याओं को दक्षिणा देकर विदा करें और माता रानी सुख-समृद्धि की कामना करें.