केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चार धाम यात्रा में राज्य सरकार को हरसंभव सहायता देगा : डॉ. मनसुख मांडविया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे में जन औषधि केंद्र का दौरा किया और स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत की

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31मार्च। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ.मनसुख मांडविया गुरुवार से उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर हैं। अपने दौरे के पहले दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने देहरादून स्थित जन औषधि केंद्र का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने जन औषधि केंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों व जन औषधि केंद्र के लाभार्थियों से बातचीत की।

इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन साधारण को सस्ती और सुलभ औषधियां उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्र खोलने की योजना इसी उद्देश्‍य से लाई गई है कि दवा के अभाव में किसी की भी मृत्‍यु न हो। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्र में सस्ती दवाएं मिलने से आम लोगों को राहत और सुविधा मिल रही है और जन औषधि केंद्र पर लोगों का भरोसा भी बढ़ा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जन औषधि केंद्र में उपलब्ध दवाएं लोगों की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ पैसे बचाने में भी उनकी मदद कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि देश भर में राजधानी से लेकर जिला मुख्यालय तक विभिन्न स्थानों पर साढ़े नौ हजार से अधिक जन औषधि केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। लगभग 20 लाख लोग प्रतिदिन जन औषधि केंद्र आते हैं। डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि कैंसर की एक दवा बाइलुटामाइड जो बाजार में 800 रुपये में उपलब्ध है, वही दवा जन औषधि केंद्र पर मात्र 137 रुपये में बिक रही है। एक अन्य दवा सीटाग्लिप्टिन बाजार में 400 रुपये में उपलब्ध है, जबकि किसी भी जन औषधि केंद्र पर इसकी कीमत 60 रुपये है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि फार्मास्युटिकल सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें निर्मित की जा रही दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सतर्क हैं और दवा निर्माण से संबंधित मानकों से समझौता करने वाली किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा। डॉ. मांडविया ने कहा कि डीसीजीआई और राज्य दवा नियंत्रकों द्वारा देश भर में नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाती है।

आगामी चार धाम यात्रा का उल्‍लेख करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चार धाम यात्रा में राज्य सरकार को हर संभव सहायता देगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करेगा कि चार धाम यात्रा पर आने वाले किसी भी श्रद्धालु को किसी भी तरह की चिकित्सकीय समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा के लिए तैनात चिकित्सकों, अर्द्ध चिकित्‍सा कर्मियों व अन्य कर्मियों को प्रोत्साहन भत्ता देने की भी योजना है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मलारी रवाना होने से पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीटीसी हेलीपैड पर उनसे मुलाकात की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मलारी पहुंचने पर पारंपरिक वेशभूषा में सजी मलारी की महिलाओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान नीति घाटी के ग्राम प्रधान संगठन ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित पंखी कोट और भोजपत्र की माला पहनाकर उनका स्वागत किया। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने उन्‍हें ऑर्गेनिक पहाड़ी उत्पाद भेंट किए। स्थानीय महिलाओं ने पौण नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बद्री केदार की धरती पर उपस्थित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा पारंपरिक वेशभूषा और जीवन शैली के साथ उनका स्वागत करने के लिए सभी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर उन्होंने कोविड टीकाकरण और मुफ्त राशन, बिजली, पानी और मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ-साथ सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजनाओं की जानकारी ली।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सीमावर्ती इलाकों में अच्छी सड़कें, नेटवर्क कनेक्टिविटी, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुई हैं। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य और वैलनेस केंद्रों द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, टेली-कंसल्टेंसी के माध्यम से शीर्ष डॉक्टरों द्वारा सीधे इलाज किया जा रहा है, सभी को आयुष्मान भारत का लाभ मिल रहा है, प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराया जा रहा है, लोगों का जीवन आसान हो रहा है, सभी घरों में बिजली और पानी उपलब्ध है। इन सभी कारणों की बदौलत यहां से होने वाले पलायन में धीरे-धीरे कमी आ रही है। गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, ये सभी प्रयास वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के सीमावर्ती क्षेत्र वास्तव में और अधिक जीवंत हो रहे हैं। हिमालयन रेंज में साहसिक खेलों के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है।

उन्होंने प्रयोग के तौर पर कीड़ा जड़ी की मंडी लगाने का सुझाव दिया और जोशीमठ स्वास्थ्य केंद्र का नाम गौरा देवी के नाम पर रखने को सहमति दी। उन्होंने कहा कि यहां मोबाइल कनेक्टिविटी को बेहतर किया जाएगा।

इसके उपरांत उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की समीक्षा बैठक की। मुख्य विकास अधिकारी ने मलारी क्षेत्र की विस्तृत जानकारी देते हुए यहां उगाई जाने वाली जड़ी-बूटियों, सेब, राजमा सहित फसलों के साथ-साथ यहां विकास की संभावनाओं के बारे में सूचित किया। सीडीओ ने यह भी बताया कि मलारी में एक गांव एक उत्पाद योजना के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक फ्रूट बार विकसित किया जा रहा है, जबकि जल्द ही गेस्ट हाउस के साथ एक विपणन केंद्र भी बनाया जाएगा।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों का विकास करना, ग्रामवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गांव एक उत्पाद की अवधारणा पर पर्यावरण स्थायी पर्यावरण-कृषि व्यवसायों को विकसित करना है। वाइब्रेंट विलेज कार्य योजनाएं जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से तैयार की गई हैं।

इस दौरान डॉ मांडविया ने ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के बारे में चर्चा की। मलारी में डॉ. मांडविया ने आशा कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की। कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अपने काम के बारे में जानकारी दी। इसके बाद डॉ मांडविया ने मलारी में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत विभिन्न विभागों के अधिकारियों से बातचीत कर विकास कार्यों की जानकारी ली और समीक्षा की।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया शुक्रवार को मुख्यमंत्री धामी के साथ मुख्यमंत्री आवास मुख्य सेवा सदन में स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इस दौरान वह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, नैनीताल और श्रीनगर में 50-50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक के साथ-साथ दून मेडिकल कॉलेज के नए भवन में 500 बिस्तरों की क्षमता वाले अस्पताल का शिलान्यास करेंगे।

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