भारत की जी20 अध्यक्षता का उद्देश्य वैश्विक ताप, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा की तत्काल और गंभीर चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करना है: डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई
ऊर्जा स्रोतों में बदलाव पर जी20 कार्य समूह की दूसरी बैठक गांधीनगर में शुरू हुई
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली ,3अप्रैल। भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत ऊर्जा स्रोतों में बदलाव पर जी20 कार्य समूह (ईटीडब्ल्यूजी) की दूसरी बैठक गांधीनगर में शुरू हुई। केंद्रीय आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई ने अपने उद्घाटन भाषण में वैश्विक ताप, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा के तत्काल समाधान के लिए भारत की जी20 अध्यक्षता की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। मंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और इसे लागत प्रभावी और विश्वसनीय बनाने के लिए नवीन तकनीकों के अनुसंधान और विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए), एशिया-प्रशांत संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी), आसियान और पूर्वी एशिया के लिए यूरोपीय अनुसंधान संस्थान (ईआरआईए), पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन (ओपेक) और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) समेत जी20 सदस्य देशों, विशेष आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 100 से अधिक प्रतिनिधि; प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर चर्चा और विचार-विमर्श के लिए बैठक में भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन समारोह के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘लाइफ अभियान’ या ‘पर्यावरण के लिए जीवन-शैली अभियान’ के महत्व के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने व्यक्तियों और समुदायों से पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए संसाधनों के सावधानीपूर्वक और सोच-समझकर उपयोग की दिशा में इसे एक अंतरराष्ट्रीय जन आंदोलन बनाने का आग्रह किया।
आलोक कुमार, सचिव, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने जी20 सदस्यों के बीच समान, साझा और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक कार्रवाई की पहचान करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सदस्य देशों से स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के लिए सहयोग करने और आपसी विश्वास की भावना का निर्माण करने का आग्रह किया। उन्होंने भारत सरकार द्वारा परिकल्पित प्रमुख योजनाओं पर भी प्रकाश डाला, जिनमें हरित हाइड्रोजन मिशन, ऊर्जा स्रोतों में बदलाव, ऊर्जा भंडारण परियोजनाएं, नवीकरणीय ऊर्जा निकासी, ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम, पीएम-प्रणाम, गोबरधन योजना, भारतीय प्राकृतिक खेती जैव-इनपुट संसाधन केंद्र, मिष्टी, अमृत धरोहर, तटीय नौवहन और वाहन प्रतिस्थापन आदि शामिल हैं।
छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर बैठक में ध्यान केन्द्रित किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं – प्रौद्योगिकी की कमियों को दूर करते हुए ऊर्जा स्रोतों में बदलाव; ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के लिए कम लागत पर वित्तपोषण, ऊर्जा सुरक्षा और विविध आपूर्ति श्रृंखला; ऊर्जा दक्षता; औद्योगिक कार्बन में कमी करने की दिशा में बदलाव; जिम्मेदारी के साथ खपत; भविष्य के लिए ईंधन; स्वच्छ ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच और ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के लिए न्यायसंगत, किफायती तथा समावेशी उपाय। बैठक के सह-कार्यक्रम के रूप में एक सेमिनार आयोजित किया गया, जिसका विषय था – वैश्विक हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम – नेट जीरो उत्सर्जन उपायों को सक्षम करना। दूसरी ईटीडब्ल्यूजी बैठक के हिस्से के रूप में, प्रतिनिधियों ने गांधीनगर में गिफ्ट सिटी का भी दौरा किया।
भारत की अध्यक्षता में, चार ईटीडब्ल्यूजी बैठकें, विभिन्न कार्यक्रम और एक मंत्रिस्तरीय बैठक की योजना बनाई गई है, ताकि स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के लिए वैश्विक सहयोग को आगे बढ़ाया जा सके और इसे सतत आर्थिक विकास के एजेंडे का केन्द्रीय विषय बनाया जा सके।