यूपी में लोगों को आतंकित करने वाले गैंगस्टर अब अपनी पैंट गीली कर रहे हैं- सीएम योगी

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समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 8अप्रैल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शनिवार को दावा किया कि कानून व्यवस्था की परवाह किए बिना लोगों को रंगदारी की धमकियां देकर अगवा करने वाले गैंगस्टर अब अदालत से सजा मिलने के बाद अपनी पैंट गीला कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में एक बॉटलिंग प्लांट के ‘भूमि पूजन’ के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोग अब देख रहे हैं कि जिन लोगों ने पहले कानून और व्यवस्था के लिए थोड़ा सा भी ठेंगा दिखाया था, वे अब अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं.

सीएम योगी ने कहा, जब अदालत ने उन्हें सजा सुनाई, तो उनकी गीली पैंट दिखाई दे रही थी. लोग इसे देख रहे हैं. माफिया लोगों को आतंकित करते थे, उद्योगपतियों को जबरन वसूली की धमकी देते थे, व्यवसायियों का अपहरण करते थे, लेकिन आज वे अपनी बुद्धि से बाहर (डरे हुए) हैं और अपने लिए भाग रहे हैं.

सीएम योगी की यह टिप्पणी एक सांसद/विधायक अदालत द्वारा गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और दो अन्य को 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के कुछ दिनों बाद आई है. यह अहमद की पहली सजा थी, हालांकि उसके खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

समाजवादी पार्टी के 60 वर्षीय पूर्व सांसद को प्रयागराज में मामले की सुनवाई के लिए गुजरात की साबरमती जेल से सड़क मार्ग से लाया गया था.पुलिस काफिले में जेल से निकलने से पहले अहमद ने कहा कि उन्हें डर है कि उनकी हत्या की जा सकती है. अहमद ने जेल के बाहर कहा, ‘हत्या, हत्या’.

अहमद के वाहन को लंबी यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में रोक दिया गया ताकि वह शौच के लिए उपस्थित हो सके. वहां, पत्रकारों द्वारा उनसे पूछा गया कि क्या वह डरते हैं, जिस पर उन्होंने कहा, “काहे का डर” (क्या डर).

जनवरी 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में दिनदहाड़े हत्या के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उसके मददगारों और गिरोह के सदस्यों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. इस निर्मम आपराधिक कृत्य के बाद आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा में कसम खाई थी कि वह माफिया का सफाया कर देंगे.

शुक्रवार को लखनऊ की एक विशेष अदालत ने 2018 में व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण के मामले में अहमद, उनके बेटे उमर और 15 अन्य के खिलाफ आरोप तय किए.

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि अहमद ने जेल में होने के बावजूद गोमतीनगर स्थित अपने कार्यालय से जायसवाल का अपहरण करवा लिया. बाद में उसे देवरिया जेल ले जाया गया जहां अहमद ने व्यवसायी के साथ मारपीट की. उसने एक कोरे कागज पर जायसवाल के हस्ताक्षर करवा लिए और उसकी 45 करोड़ रुपए की संपत्ति हड़प ली.

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