अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर: अतीक अहमद के वांटेड बेटे असद को पुलिस ने कैसे घेरा? यहां जानें एनकाउंटर की पूरी कहानी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अप्रैल।उत्तर प्रदेश एसटीएफ को गुरुवार को उस समय बड़ी कामयाबी हाथ लगी, जब एक एनकाउंटर में माफिया अतीक अहमद का बेटा असद अहमद मारा गया. गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद का बेटा असद उमेश पाल हत्याकांड में वांटेड था. असद 24 फरवरी 2023 को इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद से ही अपने साथियों के साथ फरार था. उत्तर प्रदेश पुलिस के स्‍पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर एनकाउंटर की पूरी कहानी बताई.

स्‍पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि अतीक अहमद को कोर्ट में पेश करने के लिए साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था. इस बीच सूचना मिली थी कि अतीक अहमद के गुर्गे पुलिस पर हमला कर उसे भगा सकते हैं. यूपी एसटीएफ को इस बात की भी जानकारी मिली थी कि उमेश पाल हत्‍याकांड का आरोपी असद झांसी में छिपा है. असद और गुलाम को यूपी एसटीएफ की टीम लगातार ट्रैक कर रही थी.

उन्होंने बताया कि झांसी में गुरुवार को STF की टीम ने जब मोटरसाइकिल से भागने की कोशिश कर रहे असद और गुलाम को रोका, तो दोनों ने एसटीएफ टीम पर गोलियां चलाईं. उन्होंने बताया कि एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में असद और गुलाम मारे गए. प्रशांत कुमार ने बताया कि असद और गुलाम के पास से अत्‍याधुनिक हथियार भी बरामद हुए हैं.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि यूपी एसटीएफ बुधवार रात से झांसी के कई इलाकों में छापेमारी कर रही थी. उन्होंने बताया कि एनकाउंटर दिन के करीब 12 बजे झांसी के बड़का गांव के पारीछा डैम के पास हुआ. यह झांसी से करीब 7 किलोमीटर दूर है. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में 12 पुलिसकर्मी शामिल थे. इसमें 2 डिप्टी एसपी और 2 इंस्पेक्टर भी शामिल थे. मुठभेड़ के दौरान 40 राउंड फायरिंग हुई.

रिपोर्ट के मुताबिक, असद झांसी से मध्यप्रदेश भागने की फिराक में था. बताया गया कि असद उमेश पाल की हत्या करने बाद लखनऊ गया. इसके बाद वहां से कानपुर पहुंचा और एक हफ्ते रहा. इसके बाद वह मेरठ गया और वहां भी एक हफ्ते रहा. मेरठ के बाद वह दिल्ली गया और फिर वहां से यूपी चला गया. असद झांसी से मोटरसाइकिल से मध्यप्रदेश भागने की फिराक में था.

किस मामले में दोषी था असद अहमद?
मालूम हो कि साल 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा गार्ड की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तहरीर पर 25 फरवरी को अतीक, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, असद सहित दो बेटों, शूटर गुड्डू मुस्लिम व गुलाम तथा 9 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. मुठभेड़ के बाद जया पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन का आभार जताया. जया पाल ने कहा, ‘उन्होंने जो कुछ भी किया है, सही है. उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) अपनी बेटी के पति के हत्यारे को सजा दी है. मैं अपना आभार व्यक्त करती हूं. वह पिता के समान हैं. न्याय हुआ है.’

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