वरुथिनी एकादशी 2023 तिथि और समय: 15 या 16 अप्रैल! कब है वरुथिनी एकादशी व्रत? तिथि और समय और शुभ मुहूर्त

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15अप्रैल। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण होता है और इस व्रत को रखने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है. प्रत्येक माह दो एकादशी के व्रत आते हैं और प्रत्येक एकादशी अपने आप में बेहद खास होती है. अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है. लेकिन इसकी डेट को लेकर लोगों को काफी कंफ्यूजन है. आइए जानते हैं इस बार कब है वरुथिनी एकादशी का व्रत, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व.

वरुथिनी एकादशी 2023 कब है?
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं. पंचांग के अनुसार इस बार 15 अप्रैल को रात 8 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और 16 अप्रैल को शाम 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार वरुथिनी एकादशी का व्रत 16 अप्रैल, रविवार के दिन रखा जाएगा. कहते हैं कि यह व्रत कन्यादान के पुण्य के बराबर होता है.

वरुथिनी एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त
वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक है. यदि शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए तो शुभ फल प्राप्त होता है. बता दें कि एकादशी का व्रत करने के बाद अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है. वरुथिनी एकादशी का व्रत पारण 17 अप्रैल को होगा. इस दिन सुबह 5 बजकर 54 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक व्रत पारण का समय है.

वरुथिनी एकादशी का महत्व
धार्मिक पुराणों के अनुसार वरुथिनी एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है और इस व्रत को रखने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत कन्यादान के पुण्य के बराबर होता है और दुनिया में कन्यादान से बड़ा कोई दान नहीं होता. इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण का पूजन किया जाता है. साथ ही अन्न दान का भी विशेष महत्व माना गया है.

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