हमारे लिए सामूहिक रूप से घबराहट और उपेक्षा के चक्र को तोड़ना और महामारी की तैयारी, रोकथाम और प्रतिक्रिया पर हमारे चल रहे प्रयासों को कम नहीं होने देना आवश्यक है: डॉ. मनसुख मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने जी20 स्वास्थ्य कार्य समूह की दूसरी बैठक के समापन सत्र में दिया मुख्य भाषण
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19अप्रैल। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया ने दूसरी जी20 स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक के समापन सत्र में भाषण दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने कहा, “जी20 हेल्थ वर्किंग ग्रुप के रूप में, हम संयुक्त रूप से भविष्य के वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे के लिए सकारात्मक प्रभाव पैदा करने की सही दिशा में बढ़ रहे हैं।” उन्होंने भारत की प्रस्तावित स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के साथ अपनी प्राथमिकताओं को संरेखित करने के लिए जी20 के सदस्य, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सभी प्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने भी सभा को संबोधित किया।
दुनियाभर में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव पर जोर देते हुए, डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “”डर और उदासीनता दोनों के चक्र को तोड़ने की अब हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिछली महामारियों से निपटने की थकान हमारी वर्तमान महामारी की तैयारी, रोकथाम और प्रतिक्रिया में बाधा न बने। भारत इटली और इंडोनेशिया की पिछली जी20 अध्यक्षताओं के दौरान इस तैयारियों को गति प्रदान करना चाहता है और तैयारियों, रोकथाम और स्वास्थ्य आपात स्थितियों की प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए अब तक किए गए प्रयासों को और मजबूत करना चाहता है।”
मांडविया ने रेखांकित किया की चिकित्सा प्रतिरोध उपायों के लिए औपचारिक वैश्विक समन्वय तंत्र की आवश्यकता है। साथ ही इस पर ठोस प्रयास और मेडिकल काउंटरमेशर्स (एमसीएम) यानी रोकथाम एजेंडा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवा वितरण में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने, दुनिया भर में डिजिटल विभाजन को कम करने और डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य और नवाचार एजेंडा को आगे रखा गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रविण पवार ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता का आधार ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ है। उन्होंने एक ऐसी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया जो कि राष्ट्रीय सीमाओं के पार लोगों के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कर सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने ‘एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण के माध्यम से और रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) की चुनौती का मुकाबला करने की आवश्यकता पर एक एकीकृत वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी से सभी के लिए ‘सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज’ सुनिश्चित करने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया।
दूसरी जी 20 स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक में राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय, डॉ. राजीव बहल, सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग और महानिदेशक, आईसीएमआर, लव अग्रवाल, अपर सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, जी20 सदस्य देशों के प्रतिनिधि, विशेष आमंत्रित देश, अंतर्राष्ट्रीय संगठन जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।