समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27अप्रैल।मन की बात@100 राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान गणमान्य व्यक्तियों और पैनलिस्टों को देश भर के कलाकारों द्वारा बनाए गए अनूठे उपहार दिए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात के विभिन्न संबोधनों में पारंपरिक कला रूपों को पुनर्जीवित करने के लिए इन कलाकरों की सराहना की है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को गोवा के कलाकार सागर मुले द्वारा बनाई गई एक अनूठी कावी पेंटिंग भेंट की गई। सागर मुले आधुनिकता के पुट के साथ कोंकण क्षेत्र के कावी चित्रों का चित्रण कर रहे हैं। गोवा की लेटेराइट मिट्टी में पाए जाने वाले चमकीले लाल कणों का प्रयोग पारंपरिक मंदिर के डिजाइन और त्योहारों से लेकर ग्रामीण जीवन तक विविध विषयों को जीवंत करने के लिए कुशलता से प्रयोग किया जाता है। सागर मुले के प्रयासों ने सदियों पुराने कला रूप को पुनर्जीवित किया है और इसके संरक्षण के लिए प्रति ध्यान आकर्षित किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2016 में मन की बात के प्रसारण में सागर के प्रयासों की सराहना की थी।
अन्य गणमान्य व्यक्तियों और पैनलिस्टों को ओडिशा की भाग्यश्री साहू द्वारा पत्थर पर बनाई गई पट्टचित्र पेंटिंग और आंध्र प्रदेश के सी.वी राजू द्वारा बनाए गए एटिकोप्पका लकड़ी के खिलौने भेंट किए गए।
भाग्यश्री साहू, अपने कुशल कला के माध्यम से भगवान जगन्नाथ के प्रति श्रद्धा व्यक्त करती हैं और पूर्वी भारत की पुरातन पट्टचित्र कला को जीवित रखती हैं।
पारंपरिक पट्टचित्र प्राकृतिक कपड़े के स्क्रॉल पर किया जाता है, भाग्यश्री ने अलग-अलग आकार के पत्थरों पर ये चित्र बनाए हैं।
आंध्र प्रदेश के एटिकोप्पका लकड़ी के खिलौनों को जीआई टैग दिया गया है। इस हस्तशिल्प की उत्पत्ति विजयनगरम राजाओं के समय से हुई है। लकड़ी से बने और प्राकृतिक रंगों से रंगे हुए, इन खिलौनों पर अंत में लाख की परत चढ़ाई जाती है, जो कई कीड़ों का एक रंगहीन लार जैसा स्राव होता है। सी.वी राजू ने एटिकोप्पका लकड़ी के खिलौने के शिल्प की सदियों पुरानी परंपरा को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया है और अपने प्रयासों के माध्यम से शिल्प समुदाय को गुणवत्ता के प्रति जागरूक बनाया है।
मन की बात @100 पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कल नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने किया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह,अनुराग ठाकुर औरअश्विनी वैष्णव ने भाग लिया।