भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के सहयोग से पशुपालन और डेयरी विभाग ने आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में विश्व पशु चिकित्सा दिवस- 2023 का किया आयोजन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली , 29अप्रैल। आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के सहयोग से पशुपालन और डेयरी विभाग ने 29 अप्रैल को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में विश्व पशु चिकित्सा दिवस-2023 का आयोजन किया। पशु और मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी में पशु चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित करने और उसे स्वीकारने पर आधारित था। वर्ष 2023 के लिए विश्व पशु चिकित्सा दिवस की थीम “पशु चिकित्सा व्यवसाय में विविधता, समानता और समावेशिता को बढ़ावा देना” है।
इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला मुख्य अतिथि थे। इस दौरान मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बाल्यान और उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव राजेश कुमार और और भारतीय पशु चिकित्सा परिषद (वीसीआई) के अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने सभा को संबोधित किया और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भारत के पशुधन क्षेत्र का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य पशुपालन को अधिक कुशल और दीर्घकालिक बनाना है। इस क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं को संशोधित और पुनर्गठित किया गया है। यह मंत्रालय इस क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस आयोजन में देश के विभिन्न भागों से आए पशु चिकित्सकों की भागीदारी और विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने की दिशा में पशु चिकित्सकों की भूमिका की प्रशंसा की। परषोत्तम रूपाला ने पशु चिकित्सा परिषद का पोर्टल, एमएसवीपीआर, 2023 का मसौदा और उत्कृष्ट पशु चिकित्सकों की सूची जारी की।
डॉ. एस.के. बालियान ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले भारत के पशु चिकित्सकों की भूमिका का रेखांकित किया।
भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने विभिन्न राज्यों से कार्यक्रम में भाग लेने वाले अतिथियों और पशु चिकित्सा अधिकारियों का स्वागत किया और भारतीय पशु चिकित्सा परिषद द्वारा किए गए कार्यों और हाल ही में शुरू किए गए विभिन्न नवीन कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।
इस दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 1500 पशु चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया। 75 पशु चिकित्सकों को उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। वन हेल्थ, वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन के लिए पशु चिकित्सा हस्तक्षेप और भारतीय सेना में पशु चिकित्सकों की भूमिका पर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।
पशु चिकित्सा परिषद के सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी गणमान्य व्यक्तियों और पशु चिकित्सा अधिकारियों को धन्यवाद दिया और सफल आयोजन के लिए विभाग को शुभकामनाएं दीं।