समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 04मई। हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार और फिल्ममेकर राज कपूर की हवेली को लेकर आए दिन कई तरह की खबरें सामने आती रहती हैं और इस वक्त फिर से वो चर्चा में है। दरअसल हम उस हवेली की बात कर रहे हैं जो कि पाकिस्तान में है और इसको ढहाने को लेकर पाकिस्तान की कोर्ट ने एक अहम फैसला लिया है।
बता दें कि राज कपूर की इस हवेली को ढहाने के लिए एक पेटीशन दायर की गई थी जिसको लेकर कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट का कहना है कि राज कपूर की ये हवेली गिराई नहीं जाएगी। पेशावर हाईकोर्ट में जस्टिस इश्ताक इब्राहिम और अब्दुल शकूर की बेंच ने बीते सप्ताह हवेली के मालिकाना हक वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
कपूर हवेली के नाम से प्रसिद्ध राज कपूर के इस घर को साल 2016 में प्रांतीय सराकर ने राष्ट्रीय विरासत घोषित कर दिया था। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के महाअधिवक्ता ने कोर्ट में जानकारी दी कि प्रांतीय पुरातत्व विभाग ने 2016 में एक अधिसूचना के माध्यम से कपूर हवेली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। बता दें कि इससे पहले पेशावर स्थित दिलीप कुमार की हवेली के अधिग्रहण की याचिका को भी इससे पहले खारिज कर दिया गया था। दिलीप साहब की हवेली किस्सा ख्वानी बाजा में स्थित है।
बता दें कि पाकिस्तान में स्थित कपूर हवेली से यूं तो कपूर परिवार के सभी लोगों को जुड़ाव है लेकिन इससे राज कपूर का एक खास जुड़ाव है। दरअसल इसी हवेली में राज कपूर और उनके अंकल त्रिलोक कपूर का जन्म हुआ था। ऐसे में हमेशा से राज कपूर का इस हवेली से विशेष लगाव था। इस हवेली को पृथ्वीराज कपूर यानी की राज कपूर के दादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने बनवाया था। वे पुलिस अफसर के और पेशावर में उनकी पोस्टिंग थी। बताया जाता है उसी दौरान 1918 से 1922 के बीच में इस हवेली को बनाया गया था। 90 के दशक में ऋषि और रणधीर कपूर इस हवेली को देखने भी गए थे।