वट सावित्री व्रत 2023: पहली बार वट सावित्री का व्रत करने वाली महिलाएं इन नियमों का जरूर रखें ध्यान

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18मई। हिंदू धर्म में व्रत व उपवास का खास महत्व बताया गया है. हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन व्रत सावित्री का व्रत रखा जाता है जो कि सुहागिन महिलाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण माना गया है. वट सावित्री का व्रत कठिन होता है और महिलाएं ये व्रत अखंड सौभाग्य की कामना रखती हैं. कहते हैं कि इस व्रत को रखने पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस साल व्रत सावित्री का व्रत 19 मई 2023, शुक्रवार के दिन पड़ रहा है. अगर आप पहली बार वट सावित्री का व्रत रखने जा रही हैं तो इस व्रत से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है.

वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री
वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि इस पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. इस वृक्ष की पूजन करने से तीनों देवता प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं. वट सावित्री व्रत में पूजा के साथ ही पूजन सामग्री भी खास महत्व रखती है. इसलिए पहले ही पूजन सामग्री तैयार कर लें, ताकि पूजा के दौरान कुछ छूट न जाए.

पूजन सामग्री में कच्चा, सूत, अक्षत, सिंदूर, बांस का पंखा, कलावा, धूप, मिट्टी का दीपक, सुहाग का सामान, फल, फूल, सुपारी, रोली, बताशे, नारियल और पान का पत्ता शामिल करना चाहिए.

वट सावित्री व्रत के नियम
अगर आप पहली बार वट सावित्री व्रत रखने जा रही हैं तो आपको इससे जुड़े नियमों के बारे में जानकारी अवश्य होनी चाहिए. क्योंकि थोड़ी सी गलती की वजह से आपका व्रत भंग हो सकता है. इसलिए यहां बताए गए नियमों का जरूर पालन करें.

वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाएं करती हैं और इस दिन पूजा के समय लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है.

पूजा की शुरुआत करने से पहले वट वृक्ष यानि बरगद के पेड़ के नीचे सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें.

इसके बाद वट वृक्ष के नीचे धूप और दीपक जलाएं. फिर वृक्ष के चारों तरफ कच्चा सूत लपटते हुए इसकी परिक्रमा करें.

विधि-विधन से पूजा करने के बाद बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर वट सावित्री व्रत की कथा सुनें.

इसके बाद अपनी सास या बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें और उन्हें भेंट के तौर पर कुछ पैसे दें.

पूजा के बाद अनाज, फल और कपड़े लेकर किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए. इससे सुख-समृद्धि बनी रहती है.

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