सम के साथ-साथ समग्र नॉर्थ-ईस्ट के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के लिए आज एक महत्वपूर्ण और सुनहरा दिन है- अमित शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को असम में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के गुवाहाटी परिसर का किया शिलान्यास
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26मई।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज असम में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के गुवाहाटी परिसर का शिलान्यास किया। अमित शाह ने असम पुलिस की सेवाओं को लोगों के लिए और आसान व पारदर्शी बनाने के लिए वेब पोर्टल ‘असम पुलिस सेवा सेतु’का लॉन्च तथा ज्यूडिशरी में फॉरेन्सिक साइंस के प्रयोग को लेकर डॉक्टर जे. एम. व्यास द्वारा लिखी गयी पुस्तक का विमोचन भी किया। NFSU के शिलान्यास के अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज का दिन असम के साथ-साथ समग्र नॉर्थ-ईस्ट के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के लिए बहुत महत्वपूर्ण और सुनहरा दिन है क्योंकि आज गुवाहाटी में दुनिया का 11वां और देश का 10वां NFSU का केंद्र स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस फॉरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी के लिए 50 एकड़ की जमीन दी है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार इस NFSU पर लगभग 500 करोड़ रुपए का व्यय कर 3 हजार से 5 हजार छात्रों के लिए ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा की व्यवस्था करेगी। शाह ने कहा कि आज यहां नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के भूमि पूजन और इसके अस्थाई कैंपस की शुरुआत होने से समग्र नॉर्थ ईस्ट के बच्चों को फॉरेन्सिक साइंस के क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिल्ली, गुजरात, मुंबई आदि महानगरों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विश्व भर में एक मात्र फॉरेन्सिक साइंस की स्पेशलाइज्ड यूनिवर्सिटी भारत में स्थित है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार IPC, CRPC और Evidence Act तीनों में आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है। इसका मूल उद्देश्य अंग्रेजों के समय में तैयार किए गए इन तीनों कानूनों को हमारे संविधान की स्पिरिट के अनुसार बदलना और हमारे देश के दोषसिद्धि के प्रमाण रेश्यो को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि सरकार 6 साल से ज्यादा सजा वाले सभी अपराधों में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की विजिट को अनिवार्य करने जा रही है। इससे देश में फॉरेंसिक साइंस के विद्यार्थियों के लिए जॉब अपॉर्चुनिटी क्रिएट होने वाली है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस के इस उभरते हए क्षेत्र में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की पूरे विश्व में मांग है। गुजरात से शुरू हुई नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी समग्र विश्व में फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में एक्सक्लूसिव कोर्सेज तैयार करने वाली और फॉरेंसिक साइंस के सभी डायमेंशन को कोर्स में कन्वर्ट कर पढ़ाने वाली विश्व की एकमात्र NFSU है।
अमित शाह ने कहा कि गुवाहाटी में आज शुरु होने वाली NFSU से नॉर्थ-ईस्ट के साथ-साथ बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, इंडोनेशिया जैसे देश की पूर्वी सीमा से सटे हुए अनेक देशों को भी फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी आज अनेक देशों के साथ एमओयू कर वहां की पुलिस व न्यायिक प्रक्रिया को तथा इंटरनेशनल प्राइवेट इंडस्ट्रीज के ऑफिसर्स को भी ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेनिंग देने का काम कर रही है। NFSU से 70 से अधिक देशों के पुलिस अधिकारियों और फॉरेंसिक वैज्ञानिकों ने ट्रेनिंग प्राप्त की है। NFSU विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ 170 से ज्यादा समझौतों पर हस्ताक्षर कर इसका निर्वहन कर रही है। शाह ने कहा कि गुवाहाटी NFSU अपने आप में एक परिपूर्ण यूनिवर्सिटी है। इसमें साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल फॉरेंसिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डीएनए फॉरेंसिक,फूड फॉरेंसिक, पर्यावरण फॉरेंसिक और कृषि फॉरेंसिक जैसे कोर्सेस के साथ-साथ डबल ग्रेजुएशन तक की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस शैक्षणिक वर्ष से ही पांच फैकल्टी के द्वारा 5 शैक्षणिक पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं जिसे आगे विस्तारित कर 40 अलग-अलग कोर्स तक पहुंचाकर इस यूनिट को एक परिपूर्ण यूनिट में कन्वर्ट किया जाएगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि टोटल पुलिसिंग की प्रक्रिया तीन हिस्सों में बंटी हुई है – कानून और व्यवस्था को बनाए रखना, क्राइम का इन्वेस्टिगेशन करना और क्राइम की न्यायिक मीमांसा कर दोषी को सजा करवाना। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इन तीनों प्रक्रियाओं में फॉरेंसिक साइंस का बहुत महत्व है। पुलिस फॉरेंसिक साइंस की अलग-अलग विधाओं जैसे साइकोलॉजिकल प्रोफाइल, फिंगरप्रिंट्स आदि वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करते हुए बिना थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर अपराध की जांच कर पाएगी। वहीं कोर्ट गवाह मुकर जाने की स्थिति में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की विजिट के उपरान्त बनी पुलिस की चार्जशीट के आधार पर दोषी को सजा सुना सकती है।
अमित शाह ने कहा कि असम में दोषसिद्धि की दर 5% से बढ़कर 14% हुई है जो कि अच्छी प्रगति है लेकिन राज्य का लक्ष्य दोषसिद्धि की दर को 85 प्रतिशत से ऊपर ले जाने का होना चाहिए जो कि फॉरेंसिक साइंस के बगैर नहीं हो सकता। शाह ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा जी को उनके प्रोएक्टिव रोल के चलते असम में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का 11वां केंपस खुलवाने के लिए साधुवाद दिया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश में दोषसिद्धि दर 50% है जो कि कनाडा में 62% ,इजराइल में 93%, इंग्लैंड और अमेरिका में 90% है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की मदद से देश को दोषसिद्धि दर को बढ़ाने की दिशा में आगे जाना है। शाह ने कहा कि NFSU के माध्यम से देश में आदतन अपराधियों को सजा दिलाकर समाज में सख्त उदाहरण पेश किया जा सकता है जिससे सजा करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस की दिशा में हमारा लक्ष्य बहुत स्पष्ट है कि हमें दोषसिद्धि दर को विकसित देशों की दर से आगे ले जाना है इसीलिए मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार देश भर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का जाल बुन रही है। भारत सरकार देश के हर जिले में फॉरेंसिक मोबाइल जांच फैसिलिटी की भी स्थापना करेगी।
अमित शाह ने कहा कि असम में दोष सिद्धि दर को बढ़ाने के लिए चार स्तरीय रणनीति बनाई गयी है। इसमें फोरेंसिक के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, राज्य स्तर की फॉरेंसिक लैब को अपग्रेड कर आधुनिक बनाना, क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैबों का निर्माण करना, जिला स्तर पर क्राइम के स्थान पर जाकर एविडेंस को एकत्रित करने वाली मोबाइल फॉरेंसिक लैबोरेट्री को सूचारु रखना, फोरेंसिक विशेषज्ञों की मैनपावर तैयार करना शामिल है। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम राज्य सरकार और केंद्र सरकार का है तथा फॉरेंसिक विशेषज्ञों के मैनपॉवर को उपलब्ध कराने, रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ाने और विश्वभर की आधुनिकतम तकनीक को देश में लाने का काम नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का है। शाह ने कहा कि NFSU विश्व भर के फॉरेंसिक साइंस में होते हुए बदलाव का सतत तरीके से अध्ययन कर रही है और हमारे देश की फॉरेंसिक साइंस को विश्व में आगे बढ़ाने व आर एंड डी की व्यवस्था कर देश के बच्चों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एनएफएसयू ने एशिया का एकमात्र बैलेस्टिक अनुसंधान केंद्र परीक्षण रेंज, डीएनए फॉरेंसिक साइंस में उत्कृष्टता केंद्र और अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी फॉरेंसिक केंद्र स्थापित किया है। NFSU द्वारा ड्रोन फॉरेंसिक केंद्र और मनोवैज्ञानिक फोरेंसिक में उत्कृष्टता केंद्र की भी स्थापना भी की गयी है।
अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को राज्य में पुलिस को रिवाइव करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में असम में शांति और सद्भाव के एक नए युग की शुरुआत हुई है। भारत सरकार ने समग्र पूर्वोत्तर में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया है और इसकी भारत के मैनलैंड के साथ कनेक्टिविटी पर भी बल दिया है। इसके साथ साथ सरकार ने हथियारी समूहों से वार्ता कर उन्हें मैनस्ट्रीम में लाने का प्रयास किया। इन्हीं प्रयासों के चलते असम में 3 बड़े हथियारी समूहों कार्बी, बोडो और दिमासा को सरेंडर करवाकर नॉर्थ ईस्ट में लगभग 8000 युवाओं को मैनस्ट्रीम लाने का काम किया है। श्री शाह ने लोगों से मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था पर विश्वास रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीति है कि सब के साथ न्याय हो और हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो। उन्होंने कहा है कि पिछले 6 साल से मणिपुर में शांति कायम रही है और एक भी ब्लॉकेड नहीं हुआ। आज भी हम वार्ता और शांति से इस समस्या का समाधान करेंगे। अमित शाह ने कहा कि वे कुछ दिन बाद 3 दिन के लिए मणिपुर जाएंगे और वंहा लोगों से बात कर शांति स्थापित करने की अपील करेंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने महान स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बोस के जन्मदिन पर देश के लिए आजादी की लड़ाई में उनके योगदान के लिए उन्हें प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बोस ने तत्कालीन समय के अनेक युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनकर आजादी की लड़ाई को गति देने का काम किया था। शाह ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्ध सभी कोर्सेज में सबसे ज्यादा जॉब अपॉर्चुनिटी फॉरेन्सिक साइंस के कोर्स की है। NFSU से ग्रेजुएट होने का मतलब है तुरंत ही जॉब प्राप्त कर लेना क्योंकि इसका प्लेसमेंट रेश्यो शत-प्रतिशत है। शाह ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे असम में स्थापित होने वाले नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए आएं और अपने भविष्य को संवारें तथा देश की कानून और व्यवस्था की स्थिति को सुधारने में भी अपना योगदान दें।