समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 04 जून। ओडिसा के बालेश्वर में बहनागा रेल दुर्घटना स्थल पर मरम्मत का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है, जिसमें एक हजार से अधिक कर्मचारी दिन-रात जुटे हैं। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सात से अधिक पोकलेन मशीनें, दो दुर्घटना राहत ट्रेनें, चार सड़क रेलवे वाहनों और सुरक्षा क्रेनों को मरम्मत के काम में लगाया गया है।
इस बीच, ओडिसा सरकार रेल दुर्घटना में मारे गए एक सौ 60 अज्ञात और लावारिस शवों को भुबनेश्वर के विभिन्न शवगृहों में भेज रही है। राज्य के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने मीडिया को बताया कि कुछ पीड़ितों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अभी तक लगभग एक सौ 60 शवों की पहचान करना बाकी है। ओडिसा स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रेल दुर्घटना में दो सौ 88 यात्रियों की मौत हुई है और कुल एक हजार एक सौ 75 यात्रियों को ओडिसा के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से सात सौ 93 घायलों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। दक्षिण-पूर्व रेलवे की एक आंतरिक निरीक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस को चेन्नई की ओर जाने वाली मुख्य लाइन पर जाने का संकेत मिला था, लेकिन यह गलती से लूप लाइन की ओर मुड़ गई। लूप लाइन में जाना मानवीय इंटरफेस की वजह से हो सकता है। रेलवे अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में कहा गया है कि ऐसा या तो त्रुटि या लापरवाही के कारण हुआ होगा। शुक्रवार की शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस, बंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और उड़ीसा में बहनागा स्टेशन के पास एक मालगाड़ी की दुर्घटना, पिछले दो दशकों में भारत की सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाओं में से एक है।