समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14जून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में लव जिहाद के विरोध में 15 जून को होने जा रही महापंचायत के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. वकील शाहरूख आलम ने हेट स्पीच को लेकर SC के पुराने फैसले का हवाला देते हुए वेकेशन बेंच के सामने मामला उठाया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कानून व्यवस्था कायम रखना राज्य की ज़िम्मेदारी है. आप हाई कोर्ट के सामने अपनी बात रखें. आपको HC पर भी विश्वास रखना चाहिए. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी पक्षों से कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जिसने भी कानून खिड़वाड़ किया उसके खिलाफ कड़ी एक्शन लिया जाएगा.
वहीं, हिंदू संगठनों की ओर से बृहस्पतिवार को बुलाई गई महापंचायत के मद्देनजर उत्तराखंड के पुरोला शहर में बुधवार से धारा 144 लागू की गई है. हिंदू संगठनों ने कथित तौर पर ‘‘लव जिहाद’’ की घटनाओं के खिलाफ यह ‘महापंचायत’ बुलाई है. 26 मई को दो लोगों द्वारा एक हिंदू लड़की के कथित अपहरण की कोशिश के बाद से उत्तरकाशी जिले के पुरोला और कुछ अन्य शहरों में सांप्रदायिक तनाव है. अपहरण करने वालों में एक मुस्लिम व्यक्ति था. हालांकि लड़की को छुड़ा लिया गया और आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था लेकिन इसके बाद से स्थानीय व्यापार निकायों और दक्षिण पंथी हिंदू संगठनों ने पुरोला, बरकोट, चिन्यालीसौड़ और भटवाड़ी सहित आस पास के शहरों में ‘‘लव जिहाद’’ के खिलाफ अभियान चलाया है.
उप डिवीजनल मजिस्ट्रेट देवानंद शर्मा ने कहा कि 19 जून तक धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग शांति भंग करने की कोशिश कर सकते हैं इसलिए धारा 144 लागू की गई है. विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और देवभूमि रक्षा अभियान जैसे संगठनों ने ‘‘लव जिहाद’’ के खिलाफ बृहस्पतिवार को महापंचायत बुलाई है. पुरोला में 26 मई को अपहरण की कोशिश के अलावा, उत्तरकाशी जिले के आराकोट क्षेत्र में आठ जून को नवाब नामक व्यक्ति द्वारा नेपाली मूल की दो नाबालिग बहनों के अपहरण की कोशिश करने का मामला सामने आया था. दोनों मामलों में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अपहरण की कोशिश की इन घटनाओं के बाद पुरतला में मुसलमानों द्वारा संचालित 40 से अधिक दुकानें एक पखवाड़े के बाद भी नहीं खुली हैं. मुसलमानों की दुकानों पर पिछले सप्ताह पोस्टर लगाकर उनसे कहा गया है कि वे महापंचायत से पहले शहर छोड़ दें या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें. उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रोहिल्ला और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने सोमवार को पुरोला में अधिकारियों व लोगों से मुलाकात कर शांति बनाए रखने की अपील की. मुसलमानों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ‘मुस्लिम सेवा संगठन’ ने भी 18 जून को देहरादून में महापंचायत करने का आह्वान किया है. वहीं उत्तराखंड वक्फ बोर्ड और हज कमेटी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और सांप्रदायिक तनाव से जूझ रहे पुरोला कस्बे में मुसलमानों का ”उत्पीड़न’ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.