समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की लगातार कोशिश है कि देश में इलेक्ट्रिक उत्पादों का प्रोडक्शन बढ़े. इसके लिए सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (PLI) स्कीम भी लॉन्च की है.
भारत से मोबाइल फोन एक्सपोर्ट वित्त वर्ष 2021-22 में 45,000 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2022-23 में दोगुना 90,000 करोड़ रुपये (लगभग 11.12 अरब डॉलर) को पार कर गया.
◆ भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन मेकर बन चुका है.
◆ 2014 में भारत में इस्तेमाल होने वाले 92 फीसदी मोबाइल फोन आयातित थे, लेकिन आज भारत में इस्तेमाल हो रहे 97 फीसदी फोन भारत में ही बने हैं।
◆ 2014 में केवल दो मोबाइल फैक्टरियों की तुलना में, भारत में अभी तक 200 से भी ज्यादा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स सेटअप हो चुकी है।
मोदी सरकार की इस स्कीम का बड़ा फायदा अब iPhone बनाने वाली कंपनी Apple Inc को मिलने जा रहा है. ये फायदा इतना बड़ा हो सकता है कि एपल अपने कुल आईफोन प्रोडक्शन का 18 प्रतिशत इंडिया में शिफ्ट कर सकती है.
■ सरकार की पीएलआई स्कीम सिर्फ एपल की ही नहीं, बल्कि इंडिया की मदद कर सकती है.
■ भारत ने 126 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन प्रोडक्शन का लक्ष्य रखा है. वित्त वर्ष 2025-26 तक इससे देश का एक्सपोर्ट पांच गुना बढ़ने की उम्मीद भी है और मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट 55 अरब डॉलर तक जा सकता है.
■ भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स की कुल डिमांड में 21.5 प्रतिशत हिस्सेदारी मोबाइल फोन की है. इसमें साल दर साल 15 प्रतिशत की ग्रोथ देखी जा रही है.
■ वित्त वर्ष 2016-17 से भारत में मोबाइल फोन का प्रोडक्शन 3.9 गुना बढ़ा है, जबकि इसका एक्सपोर्ट 65 गुना बढ़ गया है. वहीं मोबाइल फोन के इंपोर्ट में एक तिहाई की कमी आई है.
■ अगर भारत में आईफोन का 18 प्रतिशत प्रोडक्शन शिफ्ट भी हो जाता है, तब भी चीन और वियतनाम में उसका अधिक प्रोडक्शन होता रहेगा. चीन में ये 38 प्रतिशत और वियतनाम में 24 प्रतिशत होगा.
मोदी सरकार ने मोबाइल फोन प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए 38,000 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम पेश की है. ये देश के घरेलू उत्पादन में एक्सपोर्ट मिक्स को बेहतर कर सकती है. वहीं भारत को मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स के मामले में ग्लोबल सप्लाई चेन का अच्छा विकल्प बना सकती है.