नए भारत के निर्माण और इसे विश्व शक्ति बनाने में युवाओं की बड़ी भूमिका : उपराष्ट्रपति

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 जून। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि नए भारत के निर्माण और इसे विश्व शक्ति बनाने में युवाओं की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि बदले हुए देश मे युवाओं के सामने अपार संभावनाएं ओर अवसर हैं।  जगदीप धनखड़ आज जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रोधोगिकी संस्थान में विद्यार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।  धनखड़ ने कहा कि देश मे तेजी से बदलाव हो रहे हैं जिन्हें पूरी दुनिया ने माना है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है और वह दिन भी अब दूर नही जब भारत विभिन्न क्षेत्रों में दुनिया का नेतृत्व करेगा।

धनखड़ ने कहा कि वर्तमान मजबूत नेतृत्व में देश ने कई उपलब्धियां हासिल की है। उन्होंने कहा कि भारत पहले दुनिया की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था, लेकिन अब देश ब्रिटेन को पछाड़ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि इस दशक की समाप्ति तक भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश मे 700 मिलियन इंटरनेट उपभोक्ता हैं और देश डाटा उपभोग के मामले में भी चीन और अमरीका दोनों को पीछे छोड़ चुका है।  धनखड़ ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने देश पर गर्व करें। उन्होंने कहा कि विदेशों में युवाओं को अधिक पैसा मिल सकता है, लेकिन देश सेवा में एक अलग संतोष और गर्व की अनुभूति होती है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने मन से डर को बाहर निकालें और अपने सपने को साकार करने में जुट जाएं। उन्होंने कहा कि युवाओं के मन में जो विचार हैं, उन्हें बहुत अधिक समय तक ना रखें और अपने आइडिया पर बिना डरे काम करना शुरू कर दें। उन्होंने  कहा कि युवाओं को असफलता से नहीं डरना चाहिए।

इसके बाद श्री धनखड़ ने संस्थान के प्राध्यापको से संवाद किया। उन्होंने कहा कि अध्यापक मानव संसाधन का निर्माण करते हैं, जो सबसे बड़ा काम है। उन्होंने कहा कि कोई संस्थान वहां की आधारभूत संरचना और भवनों से नही बल्कि वहां के शिक्षकों से जाना जाता है।

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