काम की बदलती प्रकृति पर आधारित व्यापक और दूरदर्शी सामाजिक सुरक्षा नीतियों की आवश्यकता पर बल दिया-भूपेन्द्र यादव
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 जून।केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा है कि श्रमिकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने और वैश्विक स्तर पर श्रम संबंधी मुद्दों की वकालत करने में अपने महत्व के कारण लेबर-20 भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी20 सम्मलेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि वह दो महत्वपूर्ण संयुक्त वक्तव्यों को अपनाने के संबंध में एल20 टीम की उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सराहना व्यक्त करना चाहते हैं। एल20 टीम सामाजिक सुरक्षा के सार्वभौमिकरण और सामाजिक सुरक्षा निधि प्रदान करने और भविष्य में महिलाओं को तकनीकी-माहौल में कुशल और सशक्त बनाने के लिए कार्यरत है। यादव ने कहा कि एल20 के अंतर्गत दोनों वक्तव्यों को अपनाना सामाजिक उत्थान की भावना के प्रमाण के रूप में कार्य करता है।
यादव ने बिहार में एल20 शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह महान राज्य प्राचीन सभ्यताओं का उद्गम स्थल रहा है और इसने दुनिया के कुछ महान विचारकों और विद्वानों के सम्पूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि बिहार दुनिया के कुछ सबसे पुराने धर्मों यानी जैन धर्म और बौद्ध धर्म की जन्मस्थली के रूप में भी ऐतिहासिक महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि इस राज्य में विश्व विख्यात नालंदा विश्वविद्यालय है, जो ज्ञान का प्रतीक होने के कारण विश्व भर के विद्वानों को आकर्षित करता है।
यादव ने शिखर सम्मेलन में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए जी20 देशों और अतिथि देशों की ट्रेड यूनियनों के सभी प्रतिनिधियों, श्रम विशेषज्ञों, राज्य सरकार और बिहार की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय विचार-विमर्श अविश्वसनीय रूप से ज्ञानवर्धक साबित हुआ है, क्योंकि इस दौरान हमें विभिन्न हितधारकों के विविध दृष्टिकोण को सुनने और समझने का अवसर प्राप्त हुआ है।
यादव ने कहा कि तकनीकी प्रगति, वैश्वीकरण और विकसित होते श्रम बाजारों के कारण बदलते कामकाजी माहौल का रोजगार और पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा के प्रावधान पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, इसलिए व्यापक और दूरदर्शी सामाजिक सुरक्षा नीतियों की आवश्यकता है जो काम की बदलती प्रकृति को ध्यान में रखें। उन्होंने कहा कि सरकारों, नियोक्ताओं, ट्रेड यूनियनों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को यह सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करना चाहिए कि सामाजिक सुरक्षा प्रणालियाँ समावेशी, अनुकूलनीय और सर्व सुलभ हों। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें अनौपचारिक, गिग और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों को शामिल करने के लिए सामाजिक सुरक्षा के दायरे का विस्तार करना, पोर्टेबल लाभों को लागू करना शामिल हो सकता है।
यादव ने कहा कि लैंगिक समानता-व्यापक आर्थिक समृद्धि और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, यह बेहद सराहनीय है कि एल20 ने ‘महिलाएं और काम का भविष्य’ विषय को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि इस क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने के लिए, महिलाओं को कौशल प्रदान करने, अप-स्किलिंग और पुनः कौशल प्रदान करने और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) से संबंधित क्षेत्रों और प्रौद्योगिकी-गहन उद्योगों में उनकी सक्रिय भागीदारी को सक्षम करने पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करके, हम उभरते नौकरी बाजार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में उनकी सार्थक भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं।
यादव ने कहा कि एल20 शिखर सम्मेलन के नतीजे भविष्य में सभी के लिए समान और स्थायी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ हमारे उद्देश्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।