समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26जून।जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई शुरू की और पहली बार देश ही नहीं दुनिया ने जाना की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का मतलब क्या होता है. हमने आतंकवाद की फंडिंग पर रोक लगाई, हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई पर रोक लगाई और आतंकवादियों के सफाए के साथ-साथ जो भूमिगत वर्कर्स का नेटवर्क यहां काम करता है उसे भी छिन्न-भिन्न करने का काम हो रहा है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है. वहां के लोग देख रहे हैं कि भारत की तरफ लोग शांति से अपना जीवन जी रहे हैं लेकिन पाकिस्तान सरकार द्वारा उनके साथ अन्याय किया जा रहा है…POK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) भारत का हिस्सा है, था और रहेगा.
रक्षा मंत्री ने कहा कि अब मुस्लिम देश भी मानते हैं कि आतंकवाद अस्वीकार्य है. संयुक्त बयान (भारत और अमेरिका द्वारा जारी) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन शामिल हैं. इस संयुक्त बयान में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान को अपने क्षेत्र में होने वाली हर आतंकवादी कार्रवाई को रोकना चाहिए और अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं करने देना चाहिए और 26/11 और पठानकोट हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ओबामा को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो दुनिया में रहने वाले सभी लोगों को परिवार का सदस्य मानता है… उन्हें अपने बारे में भी सोचना चाहिए कि उन्होंने कितने मुस्लिम देशों पर हमला किया है.