पाकिस्तान में लगातार हिंदू मंदिरों पर हमला बेहद निंदनीय- सीडीपीएचआर
हिंदू राइट्स मूवमेंट ने किया खुलासा, विरासत की 428 मंदिरों में से 408 का किया रूपांतरण
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19जुलाई। सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लुरलिस्म एंड ह्यूमन राइट्स (सीडीपीएचआर) ने पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले हिंसक अपराधों की हालिया घटनाओं की कड़ी निंदा की है। जिसमें कराची में ऐतिहासिक 150 साल पुराने मारी माता मंदिर को ध्वस्त करना और सिंध के काशमोर में एक अन्य मंदिर पर रॉकेट लॉन्चर के साथ क्रूर हमला शामिल है।
बता दें कि आए दिन पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक अधिकारों के व्यापक उल्लंघन और पूजा स्थलों को बार-बार निशाना बनाया जाता है जो समाज को कही ना कही बिचलित करती है।
परेशान करने वाली बात यह है कि जैसा कि ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट द्वारा उजागर किया गया है, विभाजन के दौरान साझा विरासत के रूप में मिले 428 मंदिरों में से 408 को विभिन्न संरचनाओं में बदल दिया गया है। बढ़ते सुन्नी कट्टरपंथ वाले देश पाकिस्तान में, अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक प्रतीकों और संरचनाओं का अस्तित्व मात्र इस्लामी चरमपंथियों को इनके खिलाफ हिंसा के लिए उकसाता है। इससे पहले भी 2020 में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में श्री परमहंस जी महाराज की समाधि को अपवित्र करने, मार्च 2021 में रावलपिंडी में 100 साल पुराने मंदिर और अगस्त 2021 में भोंग में गणेश मंदिर जैसे हिंसक हमले स्पष्ट रूप से मंदिरों पर हमलों के एक व्यवस्थित पैटर्न और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति असहिष्णुता को दर्शाते है।
इसके अतिरिक्त, अनगिनत अल्पसंख्यक महिलाओं और कम उम्र की लड़कियों की दुर्दशा, जिनका हर साल जबरन अपहरण करके इस्लाम धर्म स्वीकारने पर मजबूर किया जाता है और ये सब अक्सर एक हिंसक राज्य और उदासीन न्यायपालिका की मिलीभगत से होता है जो वर्तमान पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों द्वारा सामना की जाने वाली खतरनाक स्थिति को रेखांकित करती है।
मंदिर के अपमान के इन शर्मनाक कृत्यों ने वैश्विक हिंदू समुदाय की भावनाओं को गहराई से आहत किया है, जबकि पाकिस्तान के भीतर हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय हिंसा और असुरक्षा के लगातार डर में है। सीडीपीएचआर पाकिस्तान सरकार से बेअदबी के इन कृत्यों के लिए जिम्मेदार अपराधियों के लिए सख्त से सख्त सजा सुनिश्चित करने और बिना देरी किए मंदिरों के पुनर्निर्माण का आह्वान करता है। इसके अलावा, हम भारत सरकार से उचित राजनयिक चैनलों के माध्यम से संबंधित पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ इस मामले को संबोधित करने का आग्रह करते हैं तथा कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हैं। सीडीपीएचआर अंतर्राष्ट्रीय अधिकार निकायों से इन मामलों में हस्तक्षेप करने और पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह करता है जो अत्यधिक कठिन परिस्थितियों में रह रहें हैं।
सीडीपीएचआर दुनिया भर में लोकतांत्रिक मूल्यों, बहुलवाद और मानवाधिकारों को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हम प्रभावित हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के साथ दृढ़ता से खड़े हैं, न्याय और पूजा की स्वतंत्रता के उनके अधिकारों का समर्थन करते हैं।