समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जुलाई। श्रीलंका के राष्ट्रपति, महामहिम रानिल विक्रमसिंघे ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भेंट की।
राष्ट्रपति ने भारत में राष्ट्रपति विक्रमसिंघे का स्वागत करते हुए कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और सागर (क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण में एक विशेष स्थान रखता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि पिछले एक वर्ष में श्रीलंका को उसकी आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत का बहु-आयामी समर्थन, श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय संबंधों के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत आवश्यकता के समय में हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी इसी प्रकार का समर्थन और सहायता करना जारी रखेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी साझेदारी दोनों देशों और वृहत हिंद महासागर क्षेत्र के आम लोगों के लिए स्थायी और लाभदायक है।
दोनों नेताओं ने कहा कि भारत और श्रीलंका कई क्षेत्रों में प्रमुख परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं और भारत-श्रीलंका विकास साझेदारी ने श्रीलंका के लोगों के जीवन को सकारात्मक तरीके से प्रभावित किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के नेतृत्व में श्रीलंका के साथ अपनी विकासात्मक साझेदारी को जारी रखने और इसे मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।