समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11अगस्त। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। लोकसभा में आज कार्यवाही तीन बार स्थगित किये जाने के बाद दोपहर डेढ बजे फिर शुरु हुई तो अध्यक्ष ओम बिडला ने समापन टिप्पणियां दीं और इस सत्र के कामकाज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान सदन में 44 घण्टे से अधिक कामकाज किया गया। ओम बिडला ने बताया कि सदन में लगभग 20 घण्टे तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की गई। ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र में सदन में डिजिटल डाटा सुरक्षा विधेयक सहित 22 विधेयक पारित किये गये। कांग्रेस सदस्यों ने कल उनके नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को लेकर आज काफी हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही उन्होंने यह मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। इस पर उन्होंने हंगामा शुरु कर दिया। बाद में कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीचों-बीच आ गये और मणिपुर मुद्दे को लेकर नारेबाजी करने लगे। हंगामें के बीच केन्द्रीय वस्तु और सेवा कर-संशोधन विधेयक 2023 तथा एकीकृत वस्तु और सेवा कर-संशोधन विधेयक 2023 पेश किये गये। बाद में इन्हें चर्चा के बिना पारित कर दिया गया। सदन में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 भी पेश किये गये। विपक्षी दलों ने अधीर रंजन के निलंबन को लेकर सदन का बहिष्कार किया।
राज्यसभा में दो बार सदन की बैठक स्थगित किये जाने के बाद दोपहर 2 बजे जब फिर शुरू हुई तो सदन में नियमों के उल्लंघन और अपमानजनक आचरण का हवाला देकर आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित कर दिया गया। सदन ने इसी पार्टी के संजय सिंह का निलंबन भी विशेषाधिकार समिति की सिफारिशें आने तक बढा दिया है। उच्च सदन ने केन्द्रीय वस्तु और सेवा कर-संशोधन विधेयक 2023 तथा एकीकृत वस्तु और सेवा कर- संशोधन विधेयक 2023 लोकसभा को लौटा दिया। बाद में सभापति जगदीप धनखड ने अपने समापन भाषण में सदन के काम-काज में रुकावट डाले जाने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस कारण सदन के 44 घंटे 58 मिनट बेकार हो गये।
सदन में पहले स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे कार्यवाही फिर शुरू होने पर सेवा निवृत्त होने वाले सदस्यों को विदाई दी गयी। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर नारेबाजी शुरू कर दी। वे इस पर सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग कर रहे थे। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, वाम और अन्य दलों के सदस्य सदन के बीचों-बीच आ गये। शोरगुल के बीच जगदीप धनखड़ ने प्रश्न काल चलाने की कोशिश की, लेकिन हंगामा जारी रहा तो उन्होंने दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
इससे पहले सवेरे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अधीर चौधरी कई संसदीय समितियों के सदस्य हैं और उनके निलंबन से वे अपना यह कार्य नहीं कर पायेंगे। संसदीय राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने इस पर अपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि अधीर चौधरी लोकसभा के सदस्य हैं इसलिए यह मुद्दा इस सदन में नहीं उठाया जाना चाहिए। सदन ने सेवानिवृत्त होने वाले 9 सदस्यों को विदाई दी। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे और सदन के नेता पीयूष गोयल ने इन सदस्यों के योगदान का उल्लेख किया। इस बीच भाजपा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान में कानून और व्यवस्था की स्थिति का मुद्दा उठाया। इस पर विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति व्यक्त की और नारेबाजी शुरू कर दी। इस कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी।