समग्र समाचार सेवा
गांधीनगर, 12अगस्त।तीन मुस्लिम युवकों ने फिनाइल पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। उनका आरोप है कि गुजरात के पोरबंदर में उनके समुदाय के सात-आठ सदस्य केवल शरीयत कानून पर सवाल उठाने के लिए उन्हें परेशान व बदनाम कर रहे हैं और उन्हें समुदाय से बाहर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर इस कृत्य का एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया।
विवाद एक स्थानीय मौलवी की वायरल ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद शुरू हुआ। इसमें कथित तौर पर कहा गया था कि मुसलमानों को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए, लेकिन उसे सलामी नहीं देनी चाहिए। समुदाय के छह युवाओं ने क्लिप की प्रामाणिकता के बारे में मौलाना हाफ़िज़ वासिफ़ रज़ा से बात की। यह पुष्टि करने पर कि क्लिप उनकी अपनी है, रज़ा को उन युवाओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। उन्होंने तर्क दिया कि इस्लाम में देश के प्रति वफादारी आवश्यक थी। लेकिन मौलाना रज़ा अपने विचारों पर कायम रहे।
नगीना मस्जिद पोरबंदर और दारुल उलूम गौशे आज़म ट्रस्ट के ट्रस्टियों द्वारा शिकायत दर्ज कराने से तनाव बढ़ गया। इसमें कई व्यक्तियों पर दुर्व्यवहार, शारीरिक हमला, मौत की धमकी जारी करने और ऑडियो क्लिप पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया। शिकायत के बाद, तीन युवाओं – शकील कादरी सैय्यद, सोहिल इब्राहिम परमार और इम्तियाज हारुन सिपाही ने एक इंस्टाग्राम रील बनाई, इसमें अपने समुदाय पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और बाद में फिनाइल पी लिया।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) भागीरथसिंह जाडेजा ने कहा है कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए ऑडियो क्लिप को फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा जाएगा। दारुल उलूम गौशे आज़म ट्रस्ट के ट्रस्टी यूसुफ मुहम्मद पुंजानी ने प्रसारित क्लिप की प्रामाणिकता से इनकार किया और मौलाना रज़ा ने ऐसे भाषण में शामिल होने से इनकार किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरोप लगाने वाले युवकों का पूर्व में भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। मामले की जांच चल रही है।