दुनिया का पहला पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन 17 अगस्त से गांधी नगर में शुरू

पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की वैश्विक छलांग, पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए भारत दुनिया को देगा ‘आयुष वीजा’

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समग्र समाचार सेवा
गांधीनगर , 17 अगस्त। गांधीनगर में 17 अगस्त से शुरू हो रहे दो दिवसीय ‘पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन’ के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने ‘आयुष वीजा’ के बारे में विस्तार से बताया । उन्होंने कहा कि ‘आयुष वीजा’ हमारी वसुंधैव कुटुंबकम् की नीति का विस्तार है और इस वीजा के जरिए दुनिया के लोग भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का लाभ उठाने के लिए आसानी से भारत आ सकते हैं । वो यहां आकर योग-ध्यान और जड़ी बूटी से इलाज जैसी देसी चिकित्सा पद्धति भी सीख सकते हैं । आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने गांधीनगर में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में बताया कि दुनिया के पहले ‘पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन’ में दुनिया के 90 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे । स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, पारंपरिक चिकित्सा से जुड़े लोग और देश दुनिया की सिविल सोसाइटी के सदस्य सम्मेलन में पारंपरिक चिकित्सा के हर पहलु पर चर्चा करेंगे । आयुष सचिव ने जानकारी दी कि शिखर सम्मेलन में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा जिसमें देश के अलग अलग इलाकों में प्रचलित पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को दिखाया जाएगा । शिखर सम्मेलन में योग और ध्यान के विशेष सत्र का भी आयोजन किया जाएगा । पौराणिक ‘कल्पवृक्ष’ के संदेश को भी शिखर सम्मेलन में उद्धाटित किया जाएगा । दुनिया के पहले ‘पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन’ आयोजन आयुष मंत्रालय और WHO की भागीदारी में हो रहा है । सम्मेलन का उद्धाटन WHO के महासचिव डॉ. ट्रेडोस एडनोम घेब्येययस करेंगे ।


गौरतलब है कि पिछले साल गुजरात के जामनगर में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन के शिलान्यास के बाद अब भारत में ही पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है । पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में ये भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है । ‘पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रगतिशील और सकारात्मक सोच का सार्थक परिणाम बताते हुए आयुष सचिव राजेश कोटेचा ने कहा कि ट्रेडिशनल मेडिसिन की दिशा में भारत की पहल दुनिया को स्वस्थ और मजबूत बनाने में मदद करेगी । खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से पारंपरिक चिकित्सा के महत्व पर प्रकाश डाला था । गांधीनगर में आयोजित कार्यक्रम में वो स्वंय शिरकत नहीं कर पाएंगे लेकिन सम्मानित श्रोताओं और अतिथियों को वो अपने वीडियो मैसेज के जरिए संदेश देंगे । प्रेस कांफ्रेस में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव लव अग्रवाल भी मौजूद थे । उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा के फायदों का जिक्र करते हुए कहा कि पारंपरिक चिकित्सा एक तरफ सस्ती स्वास्थ्य सेवा है, दूसरी तरफ यह हर किसी को आसानी से और तुरंत मिल जाती है ।
लव अग्रवाल ने आगे कहा कि पारंपरिक चिकित्सा कोविड-19 महामारी की वजह से पटरी से उतर गए वैश्विक स्वास्थ्य सेवा को फिर से पटरी पर लाने में अहम भूमिका निभा सकता है ।

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