चंद्रयान 3 की कामयाबी से भारत को फायदा, 400 बिलियन डॉलर के कारोबार में हिस्सेदार बन सकेगा भारत

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28अगस्त। साढ़े छह सौ करोड़ रुपये की लागत पर तैयार हुए ‘चंद्रयान 3’ मिशन की सफलता, विभिन्न क्षेत्रों में भारत के लिए नई राहें प्रशस्त करेगा। ये कामयाबी महज विज्ञान, तकनीकी या दूसरे क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आर्थिक तौर पर भी देश को नए आयामों तक ले जाएगी। स्पेस कमीशन के सदस्य डॉ. किरण कुमार ने अमर उजाला डॉट कॉम से बातचीत करते हुए कहा, दुनिया में ‘स्पेस इकॉनोमी’ 400 बिलियन डॉलर की है। मौजूदा समय में यहां पर भारत का कंट्रीब्यूशन महज पांच से सात प्रतिशत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कंट्रीब्यूशन को बीस प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। ‘चंद्रयान-3’ की कामयाबी, इस लक्ष्य को हासिल करा सकती है। यही वजह है कि दुनिया की आंखें आज हमारे मिशन पर लगी हैं।

डॉ. किरण कुमार के मुताबिक, भारत ने ‘चंद्रयान 3’ को तैयार करने में अपनी तकनीक का इस्तेमाल किया है। इसकी कामयाबी से दुनिया में भारत का डंका बज उठेगा। अभी ‘स्पेस इकॉनोमी’ के क्षेत्र में भारत को अपना स्थान बनाना है। ‘स्पेस इकॉनोमी’ में ज्यादा देशों का हिस्सा नहीं है। ये तय है कि चंद्रयान 3 की कामयाबी, ‘स्पेस इकॉनोमी’ में भारत के लिए एक बड़ी हिस्सेदारी का रास्ता खोल देगी। संभव है कि दुनिया के अनेक देश अपने अंतरिक्ष मिशन के लिए भारत से संपर्क करें। दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला अगर भारत पहला देश बनता है तो ‘स्पेस इकॉनोमी’ ही नहीं, बल्कि दूसरे क्षेत्रों में भारत की तरक्की के रास्ते खुलेंगे।

चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग से भारत के पास हैवी मिसाइल दागने का एक विश्वसनीय प्लेटफार्म उपलब्ध हो जाएगा। जब भारत में पे लोड की क्षमता बढ़ेगी तो दुनिया के कई देश अपने उपग्रहों की लॉंचिंग के लिए भारत से संपर्क करेंगे। ‘चंद्रयान-3’ की सफलता से भारत पर डॉलर बरसने लगेंगे। कई बार ऐसी खबरें हमें विचलित करती हैं कि फलां उल्का पिंड, पृथ्वी से टकरा जाएगा। ऐसे में लोगों की सांस थमने लगती है। अभी इस तरह की गतिविधियों पर पृथ्वी से नजर रखना आसान नहीं है। लिहाजा चंद्रमा का वातावरण पूरी तरह साफ रहता है तो वहां से कोई भी वस्तु स्पष्ट एवं क्लीयर नजर आती है।

इसके अलावा ‘चंद्रयान-3’ की कामयाबी भारत को पृथ्वी से बाहर यानी चंद्रमा पर एक सर्विस स्टेशन तैयार करने का अवसर प्रदान करेगी। यहां से दूसरे ग्रहों पर जाना आसान हो जाएगा। वैज्ञानिक डॉ. एसके ढाका बताते हैं, चंद्रयान 3 की कामयाबी भारत के लिए भविष्य के द्वार खोलेगी। लाइट के पोलेराइलेशन को स्टडी किया जा सकेगा। सर्विस स्टेशन का इस्तेमाल, आगे की रिसर्च के लिए होगा। उस वक्त दुनिया में भारत की धमक होगी। अब खर्च हुआ एक पैसा आगे चलकर हमारे देश को एक अरब रुपये देगा।

साभार- अमर उजाला

 

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