जल्द ही घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कस्तूरी कॉटन की ब्रांडिंग की शुरुआत होगी: पीयूष गोयल

केंद्रीय वस्‍त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कपास मूल्य श्रृंखला के लिए की गई पहलों की समीक्षा के लिए कोयंबटूर में वस्‍त्र सलाहकार समूह के साथ सातवीं संवादात्‍मक की बैठक

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समग्र समाचार सेवा
चेन्नई , 01सितम्बर। केन्द्रीय वस्‍त्र, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कपास मूल्य श्रृंखला के लिए की गई पहलों की समीक्षा के लिए गुरुवार को कोयंबटूर में वस्‍त्र सलाहकार समूह (टीएजी) के साथ सातवीं संवादात्‍मक बैठक की अध्यक्षता की।

इस अवसर पर वस्‍त्र और रेल राज्‍य मंत्री दर्शना वी. जरदोश, वस्‍त्र सचिव रचना शाह, टैग के अध्‍यक्ष सुरेश कोटक, केन्द्रीय वस्‍त्र, कृषि एवं किसान कल्‍याण, वाणिज्‍य, वित्‍त मंत्रालयों, वस्‍त्र आयुक्त कार्यालय, वस्‍त्र समिति, सीसीआई, आईसीएआर-सीआईसीआर, सीएसआईआर-एनबीआरआई, एपीडा, बीआईएस, संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और हितधारक उपस्थित थे। बैठक में परामर्श के दौरान प्रमुख संघों और विशेषज्ञों के माध्यम से संपूर्ण वस्‍त्र मूल्य श्रृंखला का प्रतिनिधित्व रहा।

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति (आईसीएसी) की 81वीं पूर्ण बैठक की मेजबानी कर रहा है। उन्‍होंने इसे सफल बनाने के लिए उद्योग और व्यापार जगत के सदस्यों का ध्यान आकर्षित किया। आईसीएसी की 81वीं पूर्ण बैठक 2 से 5 दिसंबर 2023 तक मुंबई में “कपास मूल्य श्रृंखला- वैश्विक समृद्धि के लिए स्थानीय नवाचार” विषय पर आयोजित की जाएगी और इसमें 26 सदस्य देशों के 300 विदेशी प्रतिनिधियों सहित लगभग 400 प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। इसके अलावा, कस्तूरी कपास से बने उत्पादों का प्रदर्शन करने और सर्वोत्तम टिकाऊ पद्धतियां प्रदर्शित करने का भी प्रस्ताव है।

माननीय वस्‍त्र मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि देश में कपास के डीएनए परीक्षण को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनबीआरआई) के सहयोग से कॉटन मार्कर्स के विकास की परियोजना शुरू की जाएगी। इस परियोजना का उद्देश्य कपास की अंतर-और अंत: प्रजाति किस्मों की सटीक पहचान के लिए आनुवंशिक मार्कर विकसित करना और सूती वस्त्रों के विभिन्न चरणों यानी छोटे और लंबे स्टेपल फाइबर, यार्न, ग्रे फैब्रिक, कोरे वस्‍त्र, छपे हुए वस्‍त्र, रंगे हुए तैयार वस्‍त्र आदि से डीएनए के निष्कर्षण के लिए प्रोटोकॉल स्थापित करना है। डीएनए परीक्षण सुविधा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम होगी, क्योंकि यह देश में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी।

पीयूष गोयल ने कस्तूरी कॉटन इंडिया की ट्रैसेबिलिटी, प्रमाणन और ब्रांडिंग के संबंध में भी परियोजना की प्रगति का आकलन किया और इस बात की सराहना की कि प्रीमियम भारतीय कॉटन की ब्रांडिंग से संपूर्ण कपास मूल्य श्रृंखला का महत्‍व काफी बढ़ जाएगा। परियोजना की कार्यान्वयन भागीदार टेक्सप्रोसिल ने कस्तूरी कॉटन की ब्रांडिंग रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। कपास का भारतीय ब्रांड अर्थात कस्तूरी इंडिया कॉटन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया जाएगा और इससे भारतीय सूती वस्‍त्र उत्पादों को वैश्विक मानचित्र पर लाने में मदद मिलेगी।

माननीय मंत्री ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए कपास से संबंधित विशेष परियोजना की प्रगति का भी जायजा लिया और जोर देकर कहा कि समय की मांग है कि घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कपास की उत्पादकता बढ़ाई जाए । इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 9327 हेक्टेयर परिचालन क्षेत्र को कवर किया गया है। उन्होंने परामर्श दिया कि अगले कपास सीज़न में परियोजना को बढ़ाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के प्रभाव का विश्लेषण किया जा सकता है।

माननीय राज्य मंत्री दर्शना वी. जरदोश ने कपास मूल्य श्रृंखला के सभी हितधारकों से टिकाऊ उत्पादन विधियों को अपनाकर और मूल्य श्रृंखला में ट्रैसेबिलिटी की क्षमता सुनिश्चित करके कपास में वर्चस्व हासिल करने के लिए एकजुट होकर व्‍यवस्थित रूप से काम करने की अपील की, ताकि किसानों होने वाला लाभ बढ़ाया जा सके।

उद्योग और वस्‍त्र मूल्य श्रृंखला के हितधारकों ने अपनी समस्‍याओं को परामर्शदात्री तरीके से हल करने के मंत्री महोदय के त्वरित और व्यावहारिक दृष्टिकोण के प्रति हार्दिक आभार व्‍यक्‍त किया।

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