समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11सितंबर। हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और उनके जन्मोत्सव को पूरे देश में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस दिन उनके बाल स्वरूप लड्डू गोपाल का पूजन किया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद अब मंदिरों में उनकी छठी उत्सव की जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. बता दें कि हिंदू धर्म में जब घर में बच्चे का जन्म होता है तो 6 दिन बाद उसकी छठी पूजी जाती है. जो कि एक बेहद ही महत्वपूर्ण परंपरा है. बच्चे की तरह ही भगवान श्रीकृष्ण यानि लड्डू गोपाल की भी विधि-विधान के साथ छठी पूजी जाती है. मंदिरों के अलावा लोग घरों में भी कान्हा जी की छठी का उत्सव मनाते हैं. आइए जानते हैं इस बार कब मनाई जाएगी कान्हा जी की छठी?
कब मनाई जाएगी कृष्ण छठी?
इस साल मथुरा-वृंदावन समेत सभी मंदिरों में जन्माष्टमी का पव्र 7 सितंबर 2023 को मनाया गया और जन्माष्टमी के 6 दिन बाद कृष्ण छठी मनाई जाएगी. जो कि बार 12 सितंबर को है. कृष्ण छठी के दिन लड्डू गोपाल का विधि-विधान से पूजन किया जाता है.
क्यों मनाते हैं कृष्ण छठी?
हिंदू धर्म में किसी बच्चे का जन्म होने के 6 दिन बाद षष्ठी देवी की पूजा की जाती है और इसे छठी कहते हैं. मान्यता है कि छठी के दिन षष्ठी देवी बच्चे को स्वस्थ्य रहने की आशीर्वाद देती हैं.
ऐसे करें लड्डू गोपाल की पूजा
जो लोग कृष्ण छठी की तैयारी कर रहे हैं उन्हें पूजा से पहले सभी तैयारी संपूर्ण कर लेनी चाहिए. कृष्ण छठी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद मंदिर की सफाई करें और फिर लड्डू गोपाल जी को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर लड्डू गोपाल का अभिषेक करें. फिर लड्डू गोपाल को पीतांबरी यानि पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और चंदन का टीका लगाएं. इसके बाद उन्हें माखन मिश्री का भोग लगाएं और प्रार्थना करें कि हमेशा आपके घर पर भगवान कृष्ण की कृपा बनी रहे.