केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले विधायक पार्टी से सस्पेंड; जानें क्या है पूरा मामला
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 सितंबर। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले BJP विधायक कैलाश मेघवाल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. कैलाश मेघवाल ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप दोहराते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की थी. इसके बाद पार्टी ने राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को ‘अनुशासनहीनता’ के आरोप में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया.
बीजेपी की प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने बताया, ‘भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने शाहपुरा से हमारे विधायक कैलाश मेघवाल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने का आदेश दिया है.’ लखावत ने कहा कि कैलाश को अनुशासन भंग करने के लिये कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और इन्हीं आरोपों में उन्हें पार्टी से सस्पेंड किया गया है. उन्होंने बताया कि कैलाश मेघवाल के इस पूरे प्रकरण को पार्टी की प्रदेश अनुशासन समिति को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा गया है.
इससे पहले BJP के वरिष्ठतम विधायकों में शुमार कैलाश मेघवाल ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद पार्टी की ओर से उन्हें ‘अनुशासनात्मक कार्रवाई’ का नोटिस जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि इसका जवाब उन्होंने 12 सितंबर को प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है, इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री पर सात आरोप लगाए और उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की.
वसुंधरा के करीबी हैं कैलाश मेघवाल
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के वफादारों में से एक कैलाश मेघवाल को 29 अगस्त को पार्टी से कारण बताओ नोटिस मिला था, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर अपने आरोप वापस लेने से इनकार कर दिया था. सस्पेंड होने के बाद कैलाश मेघवाल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘मैं भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ आगामी चुनाव लड़ूंगा और अपने निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी को हराऊंगा.’ मालूम हो कि राज्य में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कैलाश मेघवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा एक पत्र भी शेयर किया, जिसमें अर्जुन राम पर लगे आरोपों का विवरण दिया गया है.
89 वर्षीय विधायक ने यह भी दावा किया कि अर्जुन राम ने विधवाओं के लिए बनाई गई एक योजना के तहत गैर-विधवाओं को मकान आवंटित करने के लिए रिश्वत ली थी (जबकि वह जिला कलेक्टर थे) और अपने चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी दी थी. विधायक ने यह भी दावा किया कि अर्जुन राम मेघवाल ने अपने चुनावी हलफनामे में अपने मामलों का उल्लेख नहीं किया था, और ‘गलत जानकारी देना एक अपराध है और उनकी लोकसभा सदस्यता अयोग्य घोषित की जानी चाहिए.’