बिहार में किस जाति की कितनी आबादी, सरकार ने जारी किए जातिगत जनगणना के आंकड़े

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समग्र समाचार सेवा
पटना, 2अक्टूबर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना की आज यानी सोमवार (02 अक्टूबर) रिपोर्ट जारी कर दी गई है. जानकारी के अनुसार, बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमीर सुबहानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जाति आधारित गणना का रिपोर्ट जारी की है.

यहां देखें बिहार जातीय जनगणना के डाटा
बिहार में हुई जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में पिछड़ा वर्ग (3,54,63,936) 27.12 % है वहीं, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (4,70,80,514) 36.01 प्रतिशत. इसके अलावा सामान्य वर्ग (2,02,91,679) 15.52 फीसदी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में हिंदू 81.99 फीसदी, मुस्लिम 17.70 प्रतिशत, ईसाई 0.05 फीसदी, सिख 0.011 प्रतिशत, बौद्ध 0.0851 फीसदी, जैन 0.0096 फीसदी, और अन्य धर्म 0.1274 प्रतिशत हैं. इसके अलावा 0.0016 फीसदी लोगों का कोई धर्म नहीं हैं.

बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राह्मण 3.65 फीसदी (4781280), राजपूत 3.45 प्रतिशत (4510733), कायस्थ 0.6011 प्रतिशत (785771), कुर्मी 2.8785 फीसदी (3762969), कुशवाहा 4.2120 प्रतिशत (5506113), तेली 2.8131 फीसदी (3677491) और भूमिहार 2.8693 प्रतिशत (3750886) हैं. इसके अलावा, बिहार में कुर्मी 2.87 प्रतिशत, कुशवाहा 4.27 प्रतिशत, धानुक 2.13 प्रतिशत, भूमिहार 2.89 प्रतिशत, सुनार 0.68 प्रतिशत, कुम्हार 1.04 प्रतिशत, मुसहर 3.08 प्रतिशत, बढ़ई 1.45 प्रतिशत, कायस्थ 0.60 प्रतिशत, यादव 14.26 प्रतिशत और नाई 1.59 प्रतिशत हैं.

सर्वदलीय बैठक जल्द
जातीय जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद अब सबके मन में यह सवाल होगा कि सरकार का अगल कदम अब क्या होगा. या फिर इन आंकड़ों के जारी होने के बाद अब क्या? राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमारने इस सवाल का जवाब दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई! उन्होंने कहा कि जल्द ही 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी और जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.

ट्वीट कर क्या बोले नीतीश कुमार?
उन्होंने आगे लिखा, ‘जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी. 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी. इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है, बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने आगे कहा लिखा, बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.

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