समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4अक्टूबर। भारत की केंद्र सरकार ने जिस तरह से मंगलवार सुबह पत्रकार संस्थाओं और अभिव्यक्ति की आवाज को जीवित रखने वाले पत्रकारों के घरों व उनके कार्यालयों पर छापेमारी और उन्हें हिरासत में लिया है ifwj(दिल्ली) उसकी कठोर शब्दों में निंदा करता है। सरकार के इस तानाशाही कदम के खिलाफ देश के संयुक्त प्रतिवाद करने की अपील करता है।
यहां जारी अपने बयान में वरिष्ठ पत्रकार एवं दिल्ली आई एफ डबल्यू जे के अध्यक्ष हबीब अख्तर ने कहा है कि छापेमारी के दौरान किसान आंदोलन और कोरोना की रिपोर्टिंग करने के बारे में पत्रकारों से सवाल किए गए उन पत्रकारों के मोबाइल, लैपटॉप व रिपोर्टिंग से संबंधित उपकरण जब्त कर लिए और पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया ।
आई एफ डबल्यू जे दिल्ली ने अपने बयान में कहा है कि मीडिया संस्थानों को घुटने के बल चलने को मजबूर करने वाली सरकार ने अब स्वतंत्र रूप से दूध का दूध पानी का पानी करने वाले स्वतंत्र पत्रकारिता करने वाले पत्रकार और संस्थानों और यू ट्यूब चैनल वालों का इस सरकार ने गला घोटना शुरू कर दिया है। हबीब अख्तर ने कहा कि 1975 की इमरजेंसी का विरोध करने वाली सरकार उस दौर के काले दिनों से एक कदम आगे बढ़ गई है। इसने वैज्ञानिक भी गिरफ्तार करने शुरू कर दिए हैं। जो देश के लिए शर्मनाक है। सरकार ने एक पत्रकार कार्टूनिस्ट के घर पर भी छापेमारी की है।
गिरफ्तार किए गए पत्रकारों में अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, भाषा सिंह इत्यादि के साथ ही साइंस फोरम के डी रघुनंदन,संस्कृति कर्मी सोहेल हाशमी, सोशल वर्कर तीस्ता समेत अन्य पत्रकारों, रंगकर्मियों, सोशल वर्कर्स के यहां छापेमारी की सूचाएं मिली हैं। इसके खिलाफ जल्द ही व्यापक पैमाने पर विरोध दर्ज किया जाएगा।