हरित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निर्यात और निवेश की संभावनाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से इस वर्ष नौ स्वीडिश कंपनियों ने भारत-स्वीडन नवाचार उत्प्रेरक के अंतर्गत भारत का दौरा किया: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 10वीं "भारत-स्वीडन नवाचार दिवस" बैठक को किया संबोधित 

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर। नई दिल्ली में आज 10वें “भारत-स्वीडन नवाचार दिवस” सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने नेट-जीरो भविष्य हासिल करने के मार्ग में तात्कालिक लक्ष्यों की खोज में दृढ़ रहते हुए आवश्यक वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए भारत-स्वीडन सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया।

भारत सरकार की ओर से डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों की कंपनियों को सहयोगात्मक अनुसंधान और मानव संसाधनों के आदान-प्रदान में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस साल नौ स्वीडिश कंपनियों ने हरित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निर्यात और निवेश की संभावनाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत-स्वीडन नवाचार उत्प्रेरक के अंतर्गत भारत का दौरा किया, जिससे इस क्षेत्र में स्वीडन और भारत के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा मिला।

डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि 2023 में दोनों देश राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ और स्थायी भविष्य के लिए नवाचार साझेदारी पर स्वीडन-भारत संयुक्त घोषणा की पांचवीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण अवसर बताया, जो 10वें भारत स्वीडन नवाचार दिवस के लिए मार्गदर्शक विषय के रूप में कार्य करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि यह अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्यक्रम विशेषज्ञता के हमारे संबंधित क्षेत्रों का उपयोग करने और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ विकास को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य नेट-जीरो भविष्य को साकार करना है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया कि मई 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने ध्रुवीय और अंतरिक्ष अनुसंधान सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अपना समर्पण दोहराया था।

मंत्री ने कहा कि साझेदारी में स्मार्ट शहर, परिवहन और ई-मोबिलिटी, ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकियां, नई सामग्री, अंतरिक्ष, परिपत्र और जैव-आधारित अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान सहित कई क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-स्वीडन नवाचार साझेदारी संयुक्त राष्ट्र निरंतर विकास लक्ष्यों के अनुरूप वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास गहन उद्योगों और रचनात्मक उद्यमियों को जोड़ती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हाल ही में, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने स्वीडिश सरकारी एजेंसी फॉर इनोवेशन सिस्टम्स (विनोवा) के सहयोग से भारत-स्वीडन सहयोगात्मक औद्योगिक अनुसंधान और विकास कॉल की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह पहल व्यापक स्वीडन-भारत इनोवेशन पार्टनरशिप का एक अभिन्न अंग है, जो सामूहिक रूप से प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाती है और अभिनव समाधानों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसे गंभीर वैश्विक मुद्दों से निपटती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले साल ही, भारत और स्वीडन ने सर्कुलर इकोनॉमी के तहत प्रस्तावों के लिए भारत-स्वीडन संयुक्त आह्वान की घोषणा की थी। संयुक्त कार्यक्रम को 09 भारतीय और स्वीडिश फंडिंग एजेंसियों द्वारा सह-वित्त पोषित किया गया है और इस कॉल के तहत कुल 03 प्रमुख परियोजनाओं का समर्थन किया गया था।

विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और रिसर्च एंड हायर एजुकेशन (एसटीआईएनटी) में स्वीडिश फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन बीच 13 मार्च, 2023 को साझेदारी तय करते हुए एक सहयोग ज्ञापन (एमओसी) को औपचारिक रूप से मंजूरी दी गई थी। यह सहयोग भारत और स्वीडन में शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने और अनुसंधान संबंधों को बढ़ावा देने और सेमिनार, कार्यशालाओं और सम्मेलनों की सुविधा के माध्यम से ज्ञान के आदान-प्रदान और अनुसंधान उन्नति को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत स्वीडन इनोवेशन डे के 10वें संस्करण में भाग लेने के लिए स्वीडन सरकार के बुनियादी ढांचे के मंत्री एंड्रियास कार्लसन का आभार व्यक्त किया और कहा कि भारत खासकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और हमारे नवाचार इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय साझेदारी को बढ़ाने के लिए तैयार है।

मंत्री ने यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की कि द्विपक्षीय राजनयिक संबंध हमारे साझा मूल्यों और निष्पक्ष व्यापार और वैश्वीकरण के प्रति समर्पण के कारण समृद्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह देखकर मुझे बहुत खुशी होती है कि नवप्रवर्तन सहयोग भारत और स्वीडन के बीच द्विपक्षीय संबंधों का सबसे तेजी से बढ़ने वाला पहलू है।

इस अवसर पर अपने संबोधन के लिए भारत में स्वीडन के राजदूत, जान थेस्लेफ; स्वीडन में भारत के राजदूत तन्मय लाल; स्वीडन-भारत बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष रॉबिन सुखिया और इंडिया अनलिमिटेड के सीईओ संजू मल्होत्रा मौजूद थे।

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