राहुल गांधी ने किया ऐलान- कांग्रेस शासित राज्यों में होगी जातिगत जनगणना

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर। राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी कांग्रेस शासित सभी राज्यों में जातिगत जनगणना कराएगी. कांग्रेस कार्य समिति (CWC) बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने यह ऐलान किया. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस कार्य समिति ने निर्णय लिया है कि हम जातिगत जनगणना करवाएंगे और BJP को इसे करवाने पर भी जोर डालेंगे, और अगर वे नहीं करते हैं तो उन्हें पीछे हट जाना चाहिए क्योंकि देश जातिगत जनगणना चाहता है. INDIA गठबंधन इसका समर्थन करेगी. उन्होंने बताया कि बैठक में चार घंटे तक जातिगत जनगणना पर चर्चा हुई. राहुल गांधी ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्रियों ने भी निर्णय लिया है कि वे भी अपने राज्यों में जातिगत जनगणना को आगे बढ़ाएंगे.

इस दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि आज दो हिंदुस्तान बन रहे हैं, एक अडाणी जी वाला और दूसरा सबका. जातिगत जनगणना साफ दिखाएगा कि हिंदुस्तान में कितने और कौन लोग हैं? हमें यह पता लग जाएगा कि कितने लोग हैं और धन किसके हाथ में हैं. शायद इसमें हमारी भी गलती है जो कि हमने पहले नहीं की, लेकिन हम उसे पूरा करके दिखाएंगे.

…तो राष्ट्रीय स्तर पर भी जाति जनगणना
पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में यह भी निर्णय भी लिया गया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद वह केंद्र की सत्ता में आती है तो राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना कराई जाएगी, ओबीसी महिलाओं की भागीदारी के साथ महिला आरक्षण को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा. इसके साथ-साथ OBC, SC एवं ST के लिए आरक्षण की अधिकतम सीमा को कानून के माध्यम से खत्म किया जाएगा. कांग्रेस मुख्यालय में करीब 4 घंटे तक चली कार्यसमिति की बैठक में जाति जनगणना और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।

बैठक में कौन-कौन शामिल
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे. खड़गे ने बैठक में दिए अपने अध्यक्षीय भाषण में सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर जाति आधारित जनगणना के विषय पर मौन रहने का आरोप लगाया और कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में उचित सहभागिता के लिए यह जरूरी है कि कमजोर तबकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के आंकड़े उपलब्ध हों. उन्होंने पार्टी नेताओं से राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों के लिए प्रभावी रणनीति बनाने पर जोर दिया और कहा कि राजनीतिक दलों के साथ ही संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी सक्रिय हैं, ऐसे में खामोश नहीं रहा जा सकता.

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