समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अक्टूबर। हर वर्ष आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष 15 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाएगी। नवरात्रि के दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसकी शुरुआत प्रतिपदा तिथि से होती है। इस दिन घटस्थापना कर मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्रि पर एक साथ कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए, घटस्थापना हेतु शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-
घटस्थापना हेतु शुभ मुहूर्त
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 15 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 21 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 12 मिनट तक घटस्थापना हेतु शुभ मुहूर्त है। इस दौरान घटस्थापना कर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की प्रथम शक्ति स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा कर सकते हैं। इसके पश्चात, अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 44 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक है। इस अवधि में भी घटस्थापना कर मां की पूजा कर सकते हैं।
शुभ योग
शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन पर बव करण का निर्माण हो रहा है। बव करण शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। इस समय में शुभ काम कर सकते हैं। वहीं, बव करण के दौरान मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके पश्चात, बालव करण का निर्माण हो रहा है।