समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16नवंबर। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का दाहिना हाथ माने जाने वाले दिलावर इकबाल और उबैद मलिक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है. दोनों आतंकियों पर सुरक्षाबलों पर हमला कर जम्मू-कश्मीर की शांतिभंग करने का आरोप है. अधिकारियों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने इसकी जानकारी दी. एजेंसी ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के अब्बासपुर निवासी मुहम्मद दिलावर इकबाल ने जम्मू-कश्मीर में युवाओं को आतंकी कृत्यों के लिए उकसाने के लिए भड़काऊ भाषण दिए थे.
जम्मू में एक विशेष अदालत में दायर चार्जशीट में NIA ने आरोप लगाया कि दिलावर इकबाल, मसूद अजहर का करीबी सहयोगी था और उसने उबैद मलिक को जैश में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. NIA ने आरोप लगाया है कि दिलावर इकबाल क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके सहयोगियों द्वारा रची गई एक बड़ी साजिश के तहत कश्मीरी युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रेरित कर रहा था.
NIA के प्रवक्ता ने बताया, ‘दिलावर, चरमपंथी पृष्ठभूमि वाले युवाओं को भड़काऊ ऑडियो क्लिप और वीडियो के साथ-साथ मसूद अजहर की तस्वीरें साझा करके उन्हें जिहाद के लिए उकसाता था, जिसमें अजहर को कट्टरपंथी इस्लाम का प्रचार करते हुए दिखाया जाता था.’ उन्होंने बताया, ‘वह कश्मीर में मुठभेड़ों से जुड़े वीडियो भी भेजता था और युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाता था.’ NIA ने स्वत: संज्ञान लेकर आतंकवादी साजिश के मामले की 21 जून 2022 से ही जांच कर रही है.
यह मामला पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन द्वारा ‘जम्मू कश्मीर में चिपकाने वाले बम, IED और छोटे हथियारों से हिंसक हमले आदि करने की’ साजिश से जुड़ा है ताकि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी हमलों और हिंसा को अंजाम दिया जा सके. एजेंसी ने आरोप लगाया, ‘इसमें स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और नवगठित आतंकवादी समूहों जैसे – द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (यूएलएफजेएंडके), मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद (एमजीएच), जम्मू एंड कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (जेकेएफएफ), कश्मीर टाइगर्स, पीएएएफ और अन्य के ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं को संगठित करना शामिल है.’
एनआईए ने आरोप लगाया, ‘ये संगठन लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, अल बद्र, अलकायदा आदि जैसे प्रतिबंधित संगठनों से भी जुड़े थे.’