केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई में कचरे की पुरानी जगहों में सुधार और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर की चर्चा
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16नवंबर।आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक संयुक्त बैठक की। इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, बृहन्मुंबई नगर निगम के नगर आयुक्त, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी वर्चुअल तरीके से शामिल हुए।
चहल-पहल वाला शहरी केंद्र होने के नाते मुंबई में आवासीय कॉलोनियों, वाणिज्यिक स्थानों, मलिन बस्तियों आदि से उत्पन्न कचरे (लगभग 7500 टन प्रति दिन) के प्रबंधन की चुनौतियां हैं। पहले से अनुमोदित किए गए विभिन्न अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों की प्रगति के साथ-साथ गीले और सूखे नगरपालिका अपशिष्ट प्रबंधन, विभिन्न बुनियादी ढांचे से उत्पन्न होने वाले निर्माण और विध्वंस कचरे से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई। मुलुंड और देवनार में कचरे की पुरानी जगहों के जैवोपचारण पर भी चर्चा की गई। अपशिष्ट से धन और चक्रीय अर्थव्यवस्था के उच्च संभावित क्षेत्र के रूप में ओएमसी के सहयोग से अपशिष्ट से जैव-सीएनजी संयंत्रों की संभावना पर सहमति व्यक्त की गई।
मुंबई में ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण और कचरे की पुरानी जगहों में सुधार के लिए एक आपातकालीन कार्य योजना तैयार करने के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम और बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम को नामित करने का निर्णय लिया गया। यह कार्य योजना बीएमसी कार्यान्वयन के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 अक्टूबर, 2021 को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत भारतीय शहरों को कचरा मुक्त बनाने की योजना की घोषणा की थी। इस मिशन के प्रमुख उद्देश्यों में से एक ‘लक्ष्य जीरो’ डंपसाइट है जिसमें शहर के 15,000 एकड़ भूमि खंडों पर एकत्रित 16 करोड़ टन ठोस कचरेका निपटान करना है। मिशन के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने महाराष्ट्र में स्वच्छ भारत कार्यान्वयन के लिए 3400 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।