समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17नवंबर।उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरूवार को इस बात पर बल दिया कि यह मीडिया का नैतिक कर्तव्य है कि वह “सच बोले और सच के अलावा कुछ नहीं” बोले। उन्होंने कहा कि मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति का यह दायित्व है कि वह सच्चा रहे, चाहे वह पत्रकार हों या अखबारों तथा संचार के अन्य माध्यमों के मालिक हों।
यह कहते हुए कि विश्वसनीयता आज मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि कुछ क्षेत्रों में इस पहलू को नजरअंदाज किया जा रहा है।
उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में गुरूवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए लोकतंत्र के कामकाज में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि यह देखते हुए मीडिया वास्तविक राजनीति में शक्ति केंद्र या हितधारक नहीं है। उन्होंने कहा, “यह देखना दर्दनाक है कि कुछ पत्रकारों ने जमीनी भावनाओं के विपरीत, लोकतांत्रिक प्रक्रिया के पाठ्यक्रम को बदलने का बीड़ा उठाया है।” उन्होंने आगाह किया कि हमें ऐसे खतरों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति ने मीडिया की चुनौतियों पर विचार करते हुए कहा, “यह वाणिज्य संचालित है। यह कथाएँ प्रसारित करता है। यह दुर्भाग्य से आंदोलन की स्थिरता में हितधारक बन गया है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पक्षपातपूर्ण प्रभाव डालने वाले की भूमिका निभाना चाहता है।” उन्होंने त्वरित कार्रवाई का आग्रह करते हुए भारतीय प्रेस परिषद से जानबूझकर फर्जी खबरें फैलाने और पेशेवर नैतिकता से समझौता करने वालों के खिलाफ तुरंत हस्तक्षेप करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने सरकार के प्रहरी के रूप में मीडिया के दायित्व का जिक्र करते हुए कहा कि इसका काम सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाना है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि सत्य के लिए प्रतिबद्धता और पत्रकारों का अटूट समर्पण मीडिया को हमारे समाज में अच्छाई के लिए एक शक्ति के रूप में तैयार करता रहेगा। धनखड़ ने कहा, “कोई भी विघटनकारी प्रौद्योगिकी एक अच्छी तरह से जानकार और कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार का विकल्प नहीं हो सकती है।”
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चुनौतियों और नैतिक सवालों का अपना समूह लेकर आती है। उन्होंने कहा कि गलत सूचना का प्रसार, बड़े झूठ वाली खबरें, इको चैंबर का निर्माण और सूचना का सूक्ष्म लक्ष्यीकरण लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करता है, जिससे समाज में अराजकता और अस्थिरता पैदा होती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को हमारे प्रौद्योगिकी परिदृश्य का एक अभिन्न अंग और एक ऐसी तकनीक के रूप में देखते हुए, “जो यहीं रहेगी”, उपराष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंकर और भाषा मॉडल जो कई स्रोतों से जानकारी एकत्र करने के बाद मीडिया रिपोर्ट लिख सकते हैं, उससे हजारों लोगों की नौकरियाँ खतरे में हैं।
उपराष्ट्रपति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) युग के बीच दायित्वपूर्ण और नैतिक पत्रकारिता की अनिवार्यता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “यह सर्वोपरि है कि पत्रकार और मीडिया समूह ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखें।” उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि तथ्य-जाँच, कठोर स्रोत सत्यापन और अटूट संपादकीय स्वतंत्रता आज के मीडिया परिदृश्य में महत्वपूर्ण हैं।
धनखड़ ने सभी से “नवाचार और दायित्व की भावना के साथ आगे बढ़ने, पत्रकारिता के सिद्धांतों को बनाए रखते हुए, जिसने पीढ़ियों से हमारी सेवा की है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की क्षमता का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने इस नए युग को आगे बढ़ाने के लिए एकीकृत क्षमता की आशा व्यक्त की, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रगतिशील मीडिया हमारे लोकतंत्र के भीतर सच्चाई और जवाबदेही के प्रतीक के रूप में अभिन्न रूप से खड़ा है।
इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सूचना एवं प्रसारण तथा मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, डॉ. एल. मुरुगन, न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई, अध्यक्ष, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, अमिताभ कांत, जी-20 शेरपा, नुंगसांगलेम्बा एओ, सचिव, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।
Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar delivered the inaugural address at the National Press Day celebrations at Vigyan Bhawan in New Delhi today. #NationalPressDay @ianuragthakur @Murugan_MoS pic.twitter.com/QyEFr4yAvu
— Vice President of India (@VPIndia) November 16, 2023