समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17नवंबर। ज्ञानवापी परिसर में किए गए सर्वे की रिपोर्ट ASI आज कोर्ट को सौंपेगी क्योंकि रिपोर्ट सौंपने का आज आखिरी दिन है. ये हो गई ज्ञानवापी सर्वे की बात. आइए जानते हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव का जिक्र क्यों हुआ इस मामले में. ज्ञानवापी के वजूखाने में गंदगी करने और शिवलिंग जैसी आकृति पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की बयानबाजी को लेकर निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उनकी ओर से अपर कोर्ट में आपत्ति दाखिल की गई है.
अखिलेश यादव के अलावा एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर विवादित बयान देने का आरोप है. मामले की सुनवाई 20 नवंबर को होगी. 16 नवंबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन वकील सुरेंद्र नाथ दूबे के निधन पर शोक प्रस्ताव के चलते सुनवाई टल गई.
अखिलेश यादव की ओर से एडवोकेट अनुज यादव ने आपत्ति दाखिल की है. आपत्ति में कहा गया है कि हरिशंकर पांडेय ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में निचली अदालत द्वारा पारित आदेश के संबंध में यह स्पष्ट उल्लेख नहीं किया है कि किस आधार पर उनका प्रार्थना पत्र खारिज किया गया था.
आपत्ति में यह भी कहा गया कि पुनरीक्षणकर्ता हरिशंकर पांडेय ज्ञानवापी परिसर में अधिवक्ता आयुक्त की कमीशन की कार्रवाई के लिए गठित टीम के सदस्य नहीं थे और न ही मौके पर मौजूद थे. ऐसी स्थिति में किस आधार पर हरिशंकर पांडेय ने यह आरोप लगाया है कि धार्मिक विद्वेष फैलाकर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया गया. अपने कथन के समर्थन में अधिवक्ता ने ज्ञानवापी में कमीशन की कार्रवाई में शामिल सदस्यों के नाम की सूची अदालत में पेश की. आपत्ति में पुनरीक्षणकर्ता की याचिका को निरस्त करने की मांग की गई है.