समग्र समाचार सेवा
माले, 21 नवंबर। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पद संभालते ही भारत के बगावत की शुरूआत की है…जहां एक तरफ मालदीव में 77 भारतीय सैनिक है वहीं नए राष्ट्रपति अब भारत के साथ हस्ताक्षरित 100 से अधिक समझौतों की समीक्षा कर रहे है।
मालदीव के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के 24 घंटे भी नही हुए थे और मोहम्मद मुइज्जू ने शनिवार को भारत सरकार से मालदीव से भारतीय सैनिकों को ‘वापस’ बुलाने का औपचारिक अनुरोध किया था। राष्ट्रपति कार्यालय में सार्वजनिक नीति मामलों के अवर सचिव मोहम्मद फिरोजुल अब्दुल खलील ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नए प्रशासन के अनुसार मालदीव में 77 भारतीय सैन्यकर्मी हैं।
मालदीव की मीडिया ने फिरोजुल के हवाले से कहा कि पहले हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 24 भारतीय सैन्यकर्मी हैं, डोर्नियर विमान का प्रबंधन करने के लिए 25 भारतीय हैं, दूसरे हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 26 भारतीय हैं तथा रखरखाव एवं इंजीनियरिंग के लिए दो और सदस्य हैं। सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव से सभी 77 भारतीयों को भेजने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
बता दें कि शनिवार को केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू के साथ एक बैठक के दौरान मुइज्जू ने आधिकारिक तौर पर भारत सरकार से अपने सैन्य कर्मियों को मालदीव से हटाने का अनुरोध किया। मुइज्जू को व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता के रूप माना जाता है।
मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान वादा किया था कि वह चुनाव जीतने के बाद मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को बाहर निकाल देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह मालदीव और भारत के बीच समझौतों की समीक्षा करेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति सोलिह के पूर्व प्रशासन ने भारत के साथ 100 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि विचाराधीन समझौतों में उथुरु थिला फाल्हू (यूटीएफ) समझौता और अन्य रक्षा समझौते शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि पिछले प्रशासन ने मालदीव में तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों की सटीक संख्या का खुलासा करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।