समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के कान्हा शांति वनम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “कान्हा शांति वनम को दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन हॉल कहा जा रहा है. जब इस हॉल में 1 लाख लोग एक साथ ध्यान लगाएंगे तो जो ऊर्जा यहां पैदा होगी उसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है. इस कान्हा शांति वनम में जिस संस्कृति को हम जी रहे हैं वो हजारों वर्षों के सतत प्रवाह से निरंतर समृद्ध हुई है.इसमें हमारे संतों और तपस्वियों की समृद्ध परंपरा का, समृद्ध विरासत का और अथक एकनिष्ट प्रयासों का प्रतिबिंब है. कान्हा शांति वनम इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है. आज आपके प्रयासों से 160 से ज्यादा देशों के लोग सहज मार्ग पद्धति से योग को अपनाए हुए हैं.जो सच्चा साधक है उसे आप पूरी निष्ठा से योग और ध्यान से परिचित करवाते हैं. ये मानवता की बहुत बड़ी सेवा है. हर ध्यान, हर घर ध्यान, हर दिल ध्यान ये आपका संकल्प भारत ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाति की सेवा कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, समय आ गया है कि हम अपनी विरासत को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाएं. इसमें श्री राम चंद्र मिशन और उसके अनुयायियों की बहुत बड़ी भूमिका है. विकसित भारत के निर्माण के लिए , हमें 4 स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. मैं उन्हें ‘अमृत स्तंभ’ कहता हूं. ये हैं महिला शक्ति, युवा शक्ति, जनशक्ति और उद्यम की शक्ति.
नरेंद्र मोदी ने कान्हा शांति वनम में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कमलेश डी. पटेल ने जो काम मानवता के लिए किया है, वो वाकई अद्भुत है.उनके इस योगदान को पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने का सौभाग्य हमारी सरकार को मिला है और इन दिनों पद्म पुरस्कारों की परंपरा हमने ऐसी बनाई है कि पुरस्कार स्वयं ही सम्मानित हो जाते हैं. इतिहास साक्षी है कि जब-जब, जहां-जहां गुलामी आई, वहां सबसे पहले उस समाज की असली ताकत पर चोट की गई.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उसके चेतना तत्व को तहस-नहस करने का प्रयास हुआ, उसके चैतन्य को नष्ट करने के लिए उसके सभी मान बिंदुओं को खत्म करना, ये प्रवृत्ति रही.