इंद्र वशिष्ठ,
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि
देश वामपंथी उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त होने के कगार पर है।
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सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 59 वें स्थापना दिवस पर हजारीबाग, झारखंड में आयोजित समारोह को शुक्रवार(1दिसंबर 2023) को गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।
अंतिम प्रहार-
गृहमंत्री ने कहा कि देश भर में वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर हमारी जो लड़ाई चल रही है, उसकी हाल ही में समीक्षा की गई। हम कगार पर हैं और वह दिन दूर नहीं, जब देश वामपंथी उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त हो जाएगा।
सिमटते जा रहे वामपंथी उग्रवाद पर अंतिम प्रहार के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ और आईटीबीपी नए जोश और हौसले के साथ तैयार हैं।
कश्मीर में वर्चस्व-
गृहमंत्री ने कहा कि कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद के क्षेत्र और पूर्वोत्तर, जो हॉटस्पॉट माने जाते थे उन हॉटस्पॉट में लड़ाई जीतने में हमने सफलता पाई है। कश्मीर में आज सुरक्षा बलों का संपूर्ण वर्चस्व स्थापित हुआ है। पूर्वोत्तर की स्थिति में भी बहुत सुधार हुआ है और वामपंथी उग्रवाद के सामने लड़ाई हम जीतने के कगार पर खड़े हैं। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 96 से घट कर 45 रह गई है।
मादक पदार्थ तस्करी पर लगाम-
बीएसएफ ने पिछले पांच साल में तीस हजार किलो से ज्यादा मादक पदार्थ पकड़े हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थ न केवल देश को नशे की दृष्टि से नुकसान पहुंचाता है। हमारी आने वाली पीढ़ियों को खोखला करता है। मादक पदार्थ से उत्पन्न पैसा आतंकवाद का वित्तपोषण करता है। इसके अलावा बार्डर पर जो ट्रेड लिंक बनता है वो हथियारों की आवाजाही का भी काम करता है। तीनों दृष्टि से बहुत जरुरी है कि हमारी पूरी सीमा मादक पदार्थ के व्यापार के प्रति कठोर हो, जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए और बहुत संवेदनशील हो। बीएसएफ ने ये तीनों काम बहुत अच्छे तरीके से किए हैं।
बाड़ सुरक्षा नहीं करती-
गृहमंत्री ने कहा कि सीमाओं पर लगी हुई बाड़ देश की सुरक्षा करती है, ऐसे मुगालते में मैं नहीं हूं। बाड़ सहायता करती है, वह सीमाओं की सुरक्षा नहीं कर सकती। बीएसएफ का बहादुर जवान सीमा की सुरक्षा करता है।
पाकिस्तान और बांग्लादेश की सबसे कठिन सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ के पास है। पिछले दस साल में घुसपैठ और तस्करी को बढ़ावा देने वाले सीमा के छोटे छोटे छिद्रों/रास्तों को चिन्हित करके सीमा पर 560 किलोमीटर में बाड़ लगाई गई है। अब सिर्फ 60 किलोमीटर सीमा पर बाड़ लगना शेष हैं। अगले दो साल में बांग्लादेश, पाकिस्तान की पूरी सीमा बाड़ से सुरक्षित हो जाएगी।
सीमा पर 1100 किलोमीटर में फ्लड लाइट लगाई गई है। 542 नए बार्डर आउट पोस्ट और 510 आब्जर्वेशन टावर बनाए गए हैं। पहली बार हरामी नाला क्षेत्र में आब्जर्वेशन टावर बनाए गए हैं। 637 सीमा चौकियों में बिजली कनेक्शन और 500 चौकियों में पानी कनेक्शन लगाए गए है। 472 चौकियों में सोलर प्लांट लगाए गए हैं। जवानों की सहुलियत सुनिश्चित की गई है। सरकार की सीमा प्रबंधन नीति ने सीमा प्रहरियों के काम के बोझ को कम किया है।
बीएसएफ ने 2500 से ज्यादा हथियार पकड़े, 99 से ज्यादा ड्रोन मार गिराए। बीएसएफ आने वाले दिनों में 2300 किलोमीटर की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कई प्रकार के तकनीकी समाधान के लिए भी आगे बढ़ रही है।
जवान विकास की नींव-
गृहमंत्री ने कहा कि बीएसएफ ने दुश्मनों के नापाक इरादों को हमेशा विफल किया है।
देश की सीमाओं की रक्षा की प्रथम पंक्ति बीएसएफ है। बीएसएफ के भरोसे मैं आराम की नींद सोता हूँ। जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं होती, वो देश कभी विकसित और समृद्ध नहीं हो सकता। बीएसएफ के जवानों की तपस्या, बलिदान और शौर्य से देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। सीमाओं को सुरक्षित करने वाले बीएसएफ के जवान देश के विकास की नींव हैं।
सर्वोच्च बलिदान-
अमित शाह ने कहा कि जीवनपर्यन्त कर्तव्य बीएसएफ का सिर्फ घोषवाक्य नहीं है बल्कि आज तक 1900 से अधिक सीमा प्रहरियों ने अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देकर इस वाक्य को चरितार्थ भी किया है।
लाखों सीमा प्रहरियों ने अपने जीवन का स्वर्णिम काल कठिनतम परिस्थितियों में परिवार से दूर रहकर बिताया है। देश की सीमाओं की सुरक्षा की प्रथम पंक्ति के रूप में बीएसएफ ने जिस तरह से देश की दुर्गम सीमाओं की सुरक्षा की है, उससे पूरा देश सीमा सुरक्षा बल के इन वीर जवानों पर गर्व करता है।
मुस्तैद-
गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बर्फीले इलाके, पूर्वोत्तर के पहाड़, गुजरात और राजस्थान के रेगिस्तान हों, गुजरात का दलदली इलाका हो या फिर सुंदरवन और झारखंड के घने जंगल हों, बीएसएफ ने हमेशा मुस्तैद रहते हुए दुश्मन के नापाक इरादों को विफल किया है। सीमा सुरक्षा बल ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सेवा और वीरता के नए मानांक स्थापित किए हैं।