“भारत अनुकूलनशीलता और प्रगति के प्रतीक के रूप में उभरा है”: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने इन्फिनिटी फोरम 2.0 को किया संबोधित

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने फिनटेक से संबंधित ग्‍लोबल थॉट लीडरशिप प्‍लेटफॉर्म-इन्फिनिटी फोरम के दूसरे संस्करण को आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इन्फिनिटी फोरम का दूसरा संस्करण वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के पूर्ववर्ती कार्यक्रम के रूप में भारत सरकार के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) और गिफ्ट सिटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इन्फिनिटी फोरम के दूसरे संस्करण का विषय ‘गिफ्ट-आईएफएससी: नर्व सेंटर फॉर न्यू एज ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज’ है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में दिसंबर 2021 में इन्फिनिटी फोरम के पहले संस्करण के आयोजन के दौरान महामारी से प्रभावित दुनिया को याद किया, जो वैश्विक आर्थिक स्थिति की अनिश्चितता से घिरी हुई थी। उन्‍होंने इस बात को रेखांकित किया कि वह चिंताजनक स्थिति अभी तक पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है। प्रधानमंत्री ने भू-राजनीतिक तनावों, बेतहाशा महंगाई और बढ़ते ऋण स्तरों की चुनौतियों का उल्‍लेख करते हुए रेखांकित किया कि भारत अनुकूलनशीलता और प्रगति के प्रतीक के रूप में उभरा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति में गिफ्ट सिटी में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन गुजरात के गौरव को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गुजरात के लोगों को ‘गरबा’ को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किए जाने पर बधाई भी दी। उन्होंने कहा, “गुजरात की सफलता देश की सफलता है”।

प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि भारत की विकास गाथा नीति, सुशासन और नागरिकों के कल्याण को सरकार द्वारा दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता पर आधारित है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारत की विकास दर 7.7 फीसदी रही है। आईएमएफ द्वारा सितंबर 2023 में किए गए उल्लेख का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने वर्ष 2023 में 16 प्रतिशत वैश्विक विकास दर में भारत के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने विश्व बैंक का भी हवाला देते हुए कहा, “वैश्विक चुनौतियों के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था से काफी उम्मीदें हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के इस बयान को भी स्वीकार किया कि भारत ग्‍लोबल साउथ का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। उन्होंने विश्व आर्थिक मंच की इस टिप्पणी पर भी प्रकाश डाला कि भारत में लाल फीताशाही कम होने से निवेश के बेहतर अवसर पैदा हो रहे हैं। उन्‍होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि भारत दुनिया के लिए आशा की किरण है, यह इसकी मजबूत अर्थव्यवस्था और पिछले 10 वर्षों के परिवर्तनकारी सुधारों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब शेष विश्‍व राजकोषीय और मौद्रिक राहत पर ध्यान केंद्रित रहा था, तो भारत दीर्घकालिक विकास और आर्थिक क्षमता विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहा था।

आईएफएससीए के दायरे का विस्तार किए जाने के बारे में प्रधानमंत्री ने गिफ्ट आईएफएससीए को पारंपरिक वित्त और उद्यमों से आगे ले जाने के सरकार के प्रयासों को दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम गिफ्ट सिटी को नए दौर की वैश्विक वित्तीय और प्रौद्योगिकी सेवाओं का वैश्विक केंद्र बनाना चाहते हैं।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गिफ्ट सिटी द्वारा प्रदान किए गए उत्पाद और सेवाएं दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने में मदद करेंगी और हितधारकों को बहुत बड़ी भूमिका निभानी होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन की महत्‍वपूर्ण चुनौती की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के नाते भारत की चिंताओं को रेखांकित किया। उन्होंने हाल ही में सीओपी 28 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की प्रतिबद्धता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारत और दुनिया के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किफायती वित्त की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने वैश्विक विकास और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ वित्त की आवश्यकता को समझने की आवश्यकता दोहराई, जो जी-20 की अध्यक्षता के दौरान प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक था। उन्होंने कहा कि यह हरित, अधिक अनुकूलनशीलता वाले और अधिक समावेशी समाजों और अर्थव्यवस्थाओं की ओर परिवर्तन को बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ अनुमानों के अनुसार, 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए भारत को भी कम से कम 10 ट्रिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी, इस निवेश की एक निश्चित राशि को वैश्विक स्रोतों के माध्यम से भी वित्त पोषित करना होगा। उन्होंने आईएफएससी को सतत वित्त का वैश्विक केंद्र बनाने पर जोर देते हुए कहा, “गिफ्ट आईएफएससी, भारत को लो कार्बन वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए आवश्यक हरित पूंजी प्रवाह का एक कुशल चैनल है। ग्रीन बॉन्ड्स, सस्टेनेबल बॉन्ड्स और सस्टेनेबिलिटी लिंक्ड बॉन्ड्स जैसे वित्तीय उत्पादों के विकास से पूरी दुनिया की राह आसान हो जाएगी।” उन्होंने भारत द्वारा सीओपी 28 में की गई प्रो प्‍लैनेट पहल ‘ग्लोबल ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव’ के बारे में भी जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने उद्योगपतियों से ग्रीन क्रेडिट के लिए एक बाजार तंत्र विकसित करने के बारे में अपने विचार रखने का आग्रह किया।

अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक एक विकसित देश बन जाएगा। उन्होंने इस यात्रा में पूंजी के नए रूपों, डिजिटल प्रौद्योगिकियों और नए दौर की वित्तीय सेवाओं की भूमिका पर जोर दिया। यात्रा। उन्होंने कहा कि गिफ्ट सिटी अपने कुशल नियमों, संचा‍लन के लिए तैयार बुनियादी ढांचे, विशाल भारतीय आंतरिक अर्थव्यवस्था तक पहुंच, संचालन की लाभकारी लागत और प्रतिभा लाभ के साथ बेजोड़ अवसर पैदा कर रहा है। उन्होंने सभी निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा, “आइए, गिफ्ट आईएफएससी के साथ मिलकर हम वैश्विक सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ें। वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन भी जल्द ही होने जा रहा है”। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात समाप्‍त करते हुए कहा, ” आइए, हम साथ मिलकर दुनिया के गंभीर मुद्दों का समाधान खोजने के लिए नवोन्‍मेषी विचारों का पता लगाएं और उन्हें आगे बढ़ाएं।”

पृष्‍ठभूमि
इन्फिनिटी फोरम का दूसरा संस्करण वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के पूर्ववर्ती कार्यक्रम के रूप में भारत सरकार के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) और गिफ्ट सिटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। यह फोरम एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहां दुनिया भर से प्रगतिशील विचार, गंभीर समस्याएं, नवीन प्रौद्योगिकियों की तलाश की जाती हैं, उन पर चर्चा की जाती है तथा समाधानों और अवसरों में विकसित की जाती हैं।

इन्फिनिटी फोरम के दूसरे संस्करण का विषय ‘गिफ्ट-आईएफएससी: नर्व सेंटर फॉर न्यू एज ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज’ है, जिसका निम्नलिखित तीन ट्रैक के माध्यम से परस्‍पर अनुबद्ध किया जाएगा:

· प्‍लीनरी ट्रैक: नए दौर के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र का निर्माण

· ग्रीन ट्रैक: मेकिंग अ केस फॉर अ “ग्रीन स्टैक”

· सिल्वर ट्रैक: ‘लॉन्गविटी फाइनेंस हबऐट गिफ्ट-आईएफएससी

प्रत्येक ट्रैक में एक वरिष्ठ उद्योगपति द्वारा इन्फिनिटी टॉक तथा भारत और दुनिया भर में वित्तीय क्षेत्र के उद्योग विशेषज्ञों और व्‍यवसायियों के एक पैनल द्वारा चर्चा शामिल होगी, जो व्यावहारिक अंतर्दृष्टि और कार्यान्वयन योग्य समाधान प्रदान करेगी।

फोरम में 300 से अधिक सीएक्सओ की भागीदारी होगी। इसमें भारत तथा अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी सहित 20 से अधिक देशों के वैश्विक दर्शकों की मजबूत ऑनलाइन भागीदारी होगी। इस कार्यक्रम में विदेशी विश्वविद्यालयों के कुलपति और विदेशी दूतावासों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

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